Saturday, May 11, 2024
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IPS Prabhakar Chaudhary : कांवड़ियों पर लाठी चार्ज, 13 साल में 30 ट्रांसफर, सख्त अनुशासन, कौन है IPS प्रभाकर चौधरी

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IPS Prabhakar Chaudhary : उत्तर प्रदेश के बरेली में आईपीएस प्रभाकर चौधरी के ट्रांसफर की चर्चा खूब हो रही है। रविवार की रात उनका ट्रांसफर कर दिया गया, बरेली एसएसपी पद से हटाकर उन्हें 32वीं वाहिनी पीएसी लखनऊ में ट्रांसफर कर दिया गया। दरअसल, रविवार की शाम 7 बजे कांवड़ियों पर लाठीचार्ज का मामला सामने आया था। इसके बाद ट्रांसफर आदेश आ गया। बता दें कि, आईपीएस प्रभाकर चौधरी ((IPS Prabhakar Chaudhary) को 2010 में फोर्स में शामिल होने के बाद से करीब 30 तबादलों का सामना करना पड़ा है। आइए जानते है आईपीएस प्रभाकर चौधरी के बारे में और उनके इतना बार तबादले के पीछे की वजह के बारे में…

IPS Prabhakar Chaudhary : कौन हैं आईपीएस प्रभाकर चौधरी?

प्रभाकर चौधरी (IPS Prabhakar Chaudhary) का जन्म 1 जनवरी 1984 को उत्तर प्रदेश के अंबेडकर नगर में हुआ था। उनके पिता का नाम पारस नाथ चौधरी है। प्रभाकर चौधरी ने अपने पहले ही प्रयास में सिविल सर्विसेज की परीक्षा पास कर ली थी। वह 2010 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं। उन्होंने इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से बीएससी करने के बाद एलएलबी की पढ़ाई की। उन्हें बचपन से ही पढ़ने में रुचि थी, वह रोजाना पांच से छह घंटे पढ़ाई किया करते थे और हाईस्कूल और इंटरमीडिएट में उन्हें 76 फीसदी अंक मिले, फिर उन्होंने इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से 61 फीसदी अंकों के साथ बीएससी की परीक्षा पास की।

ईमानदार छवि के कारण मिली अलग पहचान

आईपीएस प्रभाकर चौधरी को एक तेज तर्रार ऑफिसर और वीआईपी कल्चर से अलग होने के लिए जाना जाता है। उन्होंने अक्सर अपनी सादगी और औचक निरीक्षण करने की अनूठी शैली से लोगों को हैरान किया है। वह अपने अलग अंदाज के लिए भी जाने जाते हैं। उनका काम करने का स्टाइल भी बिल्कुल अलग है। ईमानदार छवि के कारण उन्हें अलग पहचान मिली हुई है।

यह भी पढ़ें- कहानी उस दबंग लेडी IPS Officer की जिसके नाम से अपराधी खाते है खौफ, Acting में बनाई अपनी अलग पहचान

यूपी में प्रचलित एनकाउंटर कल्चर के खिलाफ

आईपीएस प्रभाकर चौधरी को नियम पुस्तिका के अनुसार चलने वाली पुरानी शैली की पुलिसिंग के लिए जाना जाता है। वह उत्तर प्रदेश में प्रचलित एनकाउंटर कल्चर के खिलाफ हैं। आईपीएस चौधरी को अक्सर राजनीतिक नेताओं की अपनी लाइन पर न चलने और नियम पुस्तिका के अनुसार चलने के कारण उनके गुस्से का सामना करना पड़ता है।

फिल्मी स्टाइल में लिया था पूरे शहर का जायजा लिया

प्रभाकर चौधरी (IPS Prabhakar Chaudhary) को काम करने वाले अधिकारी के रूप में पहचान मिली हुई है। 15 जून 2021 को प्रभाकर चौधरी को मेरठ एसएसपी के पद पर तैनात किया गया था। इस दौरान वे दो दिनों की छुट्‌टी पर चले गए। 17 जून तक वे मेरठ को छानते रहे। फिल्मी स्टाइल में उन्होंने पूरे शहर का जायजा लिया और पुलिस की कमजोरियों को देखा। उसके आधार पर अपनी योजना बनाकर काम करने लगे।

पिट्ठू बैग टांगकर पहुंच गए थे दफ्तर

प्रभाकर चौधरी सोशल मीडिया और पुलिस विभाग में उस समय चर्चा में आए थे, जब सात साल पहले कानपुर में एसपी का चार्ज लेने पिट्ठू बैग टांगकर रोडवेज बस से एसपी दफ्तर पहुंचे थे। स्टेनो से कहा था कि मैं आ गया हूं, आप सरकारी सिम मुझे दें। पुलिस के स्टेनो हैरान भी हुए कि आप कौन, जो सरकारी सिम मांग रहे हो। उन्होंने अपना परिचय दिया कि मैं नया एसपी प्रभाकर चौधरी, तब से उनकी की सादगी के भी सभी कायल हैं।

यूपी के कई शहरों में कर चुके हैं सर्विस

आईपीएस प्रभाकर चौधरी (IPS Prabhakar Chaudhary) ने देवरिया, बिजनौर, बलिया, बुलंदशहर और कानपुर देहात में एसपी के पद पर काम किया है। प्रभाकर चौधरी वाराणसी, मुरादाबाद, मेरठ और आगरा में एसएसपी का पदभार संभाल चुके हैं।

इन जिलों से ट्रासंफर की रही चर्चा

2020 में वाराणसी में भाजपा नेताओं और पुलिसकर्मियों से मारपीट संबंधित प्रकरण के बाद आईपीएस प्रभाकर चौधरी का वाराणसी से ट्रांसफर कर दिया गया था। वाराणसी में उनकी तैनाती केवल 8 महीने ही रही। तब उनके इस तबादले को लेकर पुलिसकर्मियों के बीच खासी चर्चाएं रही। इसके बाद उनका ट्रांसफर मुरादाबाद हुआ था।

वहीं जब बरेली के एसएसपी पद पर मार्च में उनका ट्रांसफर हुआ था। उन्होंने तब कहा था कि यह उनका 19वां जिले में तैनाती है। इससे पहले मेरठ के एसएसपी थे, वहां उन्होंने अपना एक साल का कार्यकाल पूरा किया था। अन्य जिलों में प्रभाकर चौधरी सिर्फ छह से सात महीने का ही कार्यकाल पूरा कर पाए।

क्यों हुई कार्रवाई?

प्रभाकर चौधरी के ट्रांसफर को लेकर कई प्रकार की बातें कही जा रही हैं। बरेली में कांवड़ियों पर लाठीचार्ज को कुछ लोग कारण बता रहे हैं। वहीं, कुछ लोगों का कहना है कि एसएसपी का बयान कार्रवाई का कारण बना है। दरअसल, लाठीचार्ज के बाद एसएसपी ने कहा था कि कांवड़ियों के बीच कुछ गलत लोग नशे में थे। उनके पास अवैध हथियार थे। एसएसपी के इसी बयान को लेकर मीडिया का एक वर्ग ट्रांसफर किए जाने की बात कर रहा है। सीएम योगी आदित्यनाथ के कानून व्यवस्था की बात को आधार बनाया जा रहा है। लोग कह रहे हैं कि जिस कप्तान ने बरेली में दंगे से बचाया, उसी पर एक्शन लिया जा रहा है।

पिछले स्वतंत्रता दिवस पर सीएम योगी ने किया था सम्मानित

बता दें कि, आईपीएस प्रभाकर चौधरी (IPS Prabhakar Chaudhary) ने अपने सख्त अनुशासन और माफिया और स्थानीय गिरोहों पर नकेल कसने के लिए जाने जाते हैं। पिछले साल स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आईपीएस अधिकारी प्रभाकर चौधरी को उनकी उत्कृष्ट प्रतिबद्धता और निस्वार्थ सार्वजनिक सेवा के लिए मुख्यमंत्री पुलिस पदक से सम्मानित किया था।

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