Golden Blood : आमतौर पर इंसानों में 8 तरह के ब्लड ग्रुप पाए जाते हैं जिनमें A, B, AB और O शामिल है, जिन्हें पॅाजिटिव और नेगेटिव में डिवाइड किया जाता है, लेकिन क्या आप जानते है एक ऐसे Blood Group के बारे मे जो सबसे ज्यादा रेयर होता है, ये ब्लड पूरे वर्ल्ड में केवल 43 लोगों के शरीर में ही बहता है। इस ब्लड ग्रुप की एक-एक बूंद सोने से भी ज्यादा महंगी है। जी हां, आप में से शायद बहुत कम ही लोगों को ही इस बात की जानकारी हो, तो आइए बताते है इस रेयर ब्लड ग्रुप के बारे में विस्तार से।
जानें इस रेयर ब्लड ग्रुप का नाम
हम जिस ब्लड ग्रुप की बात कर रहें है उसे गोल्डन ब्लड ग्रुप (Golden Blood Group), कहते है इस ब्लड ग्रुप का असली नाम आरएच नल (Rh Null Blood Group) है। यह बहुत कम लोगों के शरीर में पाया जाता है। इसकी वजह से इसको गोल्डन ब्लड कहते हैं। इस ब्लड को किसी भी ब्लड ग्रुप वाले व्यक्ति को चढ़ाया जा सकता है। किसी ब्लड ग्रुप के साथ यह आसानी से मैच हो जाता है। यह ब्लड ग्रुप सिर्फ उस व्यक्ति के शरीर में मिलता है जिसका Rh फैक्टर null (Rh-null) होता है।
इस ब्लड की खासियत?
सबसे पहले इसका पता सन् 1961 में लगाया गया था। ये ब्लड बाकी आम ब्लड ग्रुप से बेहद अलग होता है जिसकी वजह से इसे ‘Golden Blood’ कहा गया है. हमें जब किसी बीमार व्यक्ति के लिए ब्लड की जरूरत होती है तब ब्लड बैंक में कोई साधारण खून देकर अपनी आवश्यकता के अनुसार ब्लड हासिल कर सकते हैं लेकिन जब गोल्डन ब्लड की बात आती है तो यह इतना ज्यादा रेयर है कि इसकी कीमत सोने से भी ज्यादा होती है।
इसलिए कहा जाता है गोल्डन ब्लड ग्रुप
रिपोर्ट की मानें तो ये ब्लड दुनिया में केवल 43 लोगों के शरीर में बहता है। जिन लोगों के पास यह ब्लड ग्रुप है उनमें अमेरिका, ब्राजील, कोलंबिया और जापान के लोग शामिल हैं। दुनिया में इस ब्लड ग्रुप के नौ लोग हैं जो ब्लड डोनेट करते हैं। इसलिए इस ब्लड ग्रुप को गोल्डन ब्लड (Golden Blood) कहा जाता है, क्योंकि दुनिया में यह सबसे महंगा ब्लड ग्रुप है। इस खून को तो किसी को चढ़ाया जा सकता है, लेकिन इस ब्लड ग्रुप के लोगों को खून की जरूरत होती है, तो कई तरह की परेशानियां होती हैं।
ग्रीस में ऐसा माना जाता है कि देवताओं के शरीर में सुनहरा खून बहता है। यह सुनहरा खून देवताओं को अमर बनाता है लेकिन अब इंसानों की बात आती है तो यह गोल्डन ब्लड उनके लिए नुकसानदेह साबित होता है। इसे लेकर ‘नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन’ में एक रिपोर्ट भी प्रकाशित की गई थी। इस ब्लड ग्रुप के लोगों को एनीमिया का खतरा ज्यादा रहता है। कई बार सुरक्षा की वजह से अगर ऐसे लोगों की पहचान होती भी है तो उसे उजागर नहीं किया जाता है।
क्यों होता है गोल्डेन ब्लड?
गोल्डन ब्लड (Golden Blood) का कारण एक्सपर्ट्स बताते हैं कि ये जेनेटिक म्यूटेशन के कारण होता है और यह एक जनरेशन से दूसरे जनरेशन के लोगों में जाता है। एक्सपर्ट्स बताते हैं कि इसकी दूसरी वजह करीबी रिश्ते में शादी भी है जिसकी वजह से गोल्डन ब्लड होने की संभावाना बढ़ जाती है।
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