Friday, May 10, 2024
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Mann Ki Baat 100th Episode : अहं से वयं, आध्यात्मिक सफर, जानिये, PM मोदी के मन की बात के Top 10 Points

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Mann Ki Baat 100th Episode : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) आज मन की बात (Mann Ki Baat) के 100वें एपिसोड को संबोधित कर रहे हैं। भारत से लेकर यूएन तक आज मन की बात का लाइव टेलीकास्ट हो रहा है। आइए जानते है पीएम मोदी के मन की बात के 100वें एपिसोड 10 बड़ी बातें…

जानें पीएम मोदी के मन की बात की 10 बड़ी बातें

पीएम ने कहा कि मेरे लिए ‘मन की बात’ ईश्वर रूपी जनता-जनार्दन के चरणों में प्रसाद की थाल की तरह है। ‘मन की बात’ मेरे मन की आध्यात्मिक यात्रा बन गया है। ‘मन की बात’ स्व से समिष्टि की यात्रा है। ‘मन की बात’ अहम् से वयम् की यात्रा है।

कई बार यकीन नहीं होता कि ‘मन की बात’ को इतने महीने और इतने साल गुजर गए। हर एपिसोड अपने-आप में खास रहा।आपके पत्र पढ़ते हुए कई बार मैं भावुक हुआ, भावनाओं से भर गया, भावनाओं में बह गया और खुद को फिर संभाल भी लिया। आपने मुझे ‘मन की बात’ के 100वें एपिसोड पर बधाई दी, लेकिन मैं सच्चे दिल से कहता हूं, बधाई के पात्र तो आप सब ‘मन की बात’ के श्रोता हैं, हमारे देशवासी हैं।

मन की बात’ में पूरे देश के कोने-कोने से लोग जुड़े, हर आयु वर्ग के लोग जुड़े। हम इसमें positivity को celebrate करते हैं। हम इसमें people’s participation को भी celebrate करते हैं।

3 अक्टूबर 2014 को विजया दशमी का वो पर्व था और हम सबने मिलकर विजया दशमी के दिन ‘मन की बात’ की यात्रा शुरू की थी। विजया दशमी यानी, बुराई पर अच्छाई की जीत का पर्व, ‘मन की बात’ भी देशवासियों की अच्छाइयों का सकारात्मकता का एक अनोखा पर्व बन गया है। एक ऐसा पर्व, जो हर महीने आता है, जिसका इंतजार हम सभी को होता है।

PM ने कहा कि आज देश में Tourism बहुत तेजी से Grow कर रहा है। हमारे ये प्राकृतिक संसाधन हों, नदियां, पहाड़, तालाब या फिर हमारे तीर्थ स्थल हों, उन्हें साफ़ रखना बहुत ज़रूरी है। ये Tourism Industry की बहुत मदद करेगा।

पर्यटन में स्वच्छता के साथ-साथ हमने Incredible India movement की भी कई बार चर्चा की है। इस movement से लोगों को पहली बार ऐसे कितनी ही जगहों के बारे में पता चला, जो उनके आस-पास ही थीं।

मैं हमेशा ही कहता हूं कि हमें विदेशों में Tourism पर जाने से पहले हमारे देश के कम से कम 15 Tourist destination पर जरुर जाना चाहिए और यह Destination जिस राज्य में आप रहते हैं, वहां के नहीं होने चाहिए, आपके राज्य से बाहर किसी अन्य राज्य के होने चाहिए।

बात शिक्षा की हो या संस्कृति की, उसके संरक्षण की बात हो या संवर्धन की, भारत की यह प्राचीन परंपरा रही है। इस दिशा में आज देश जो काम कर रहा है, वो वाकई बहुत सराहनीय है।

National Education Policy हो या क्षेत्रीय भाषा में पढ़ाई का विकल्प हो, Education Technology Integration हो, आपको ऐसे अनेक प्रयास देखने को मिलेंगे।

इस साल हम जहां आजादी के अमृतकाल में आगे बढ़ रहे हैं, वहीं G-20 की अध्यक्षता भी कर रहे हैं। यह भी एक वजह है कि Education के साथ-साथ Diverse Global Cultures को समृद्ध करने के लिये हमारा संकल्प और मजबूत हुआ है।

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