PM Modi Birthday : देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Narendra Modi) का डंका आज पूरे विश्व में बज रहा है। वो पूरे विश्व पटल पर सबसे अधिक ताकतवर राजनेता के रूप में जाने जाते है, इसके पीछे का मुख्य वजह है उनकी कार्यशैली। इतने बड़े पद पर काबिज होने के बाद वो अपने देश की आम जनता के जीवन को बेहतर बनाने के लिए ही दिन रात काम में जुटे रहते हैं। एक मजबूत राष्ट्र की कल्पना को सार्थक बनाने के लिए वो अपना सबकुछ इन्हीं के नाम समर्पित करते हैं। आज PM Modi अपना 74वां जन्मदिन मना रहे है। इस खास अवसर पर आज हम आपको उनके जीवन से जुड़े कुछ अनुसने किस्से के बारे में बताएंगे कि किस तरह एक चायवाले से उन्होंने पीएम पद का सफर तय किया।
PM Modi Birthday : बचपन में प्यार से मां बुलाती थी नरिया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) का जन्म सन् 17 सितंबर 1950 गुजरात के मेहसाणा जिले में स्थित वडनगर में हुआ था। उनका जीवन काफी संघर्षपूर्ण रहा है। पीएम मोदी के पिता का नाम दामोदरदास मूलचंद मोदी था और माता का नाम हीराबेन मोदी था, जो उन्हें बचपन में प्यार से नरिया बुलाती थी। पीएम के पिता की वडनगर स्टेशन के बाहर एक चाय की दुकान थी, बचपन में पढ़ाई से समय मिलने पर वह अपने पिता की चाय का दुकान पर मदद करते थे। पीएम मोदी छह भाई-बहन हैं और वह खुद तीसरे नंबर पर आते हैं। पीएम मोदी ने 18 साल की उम्र में शादी कर ली थी, लेकिन उसके कुछ सालों बाद यह अपना घर छोड़कर चले गए। इसके बाद से वह अपने परिवार से अलग ही रहते हैं।
गुजरात बोर्ड से पास की थी हाईस्कूल की परीक्षा
पीएम मोदी की शुरुआती शिक्षा वडनगर के भागवताचार्य नारायणाचार्य स्कूल में हुई। पीएम ने सन् 1967 में गुजरात बोर्ड से हाईस्कूल की परीक्षा पास की थी। दिल्ली यूनिवर्सिटी से 1978 में बीए किया, इसके बाद 1983 में राजनीति विज्ञान में एमए किया।
बचपन में था एक्टिंग का शौक
नरेंद्र मोदी को बचपन में एक्टिंग का काफी शौक था, वो स्कूल में अभिनय, वाद-विवाद, नाटकों में हिस्सा भी लेते और प्राइज भी जीतते थे। इसके साथ-साथ उन्होंने NCC में भी ट्रेनिंग भी ली। एकबार वो तालाब से एक घड़ियाल का बच्चा पकड़कर घर लेकर आए थे, लेकिन मां के समझाने पर वे वापस उसे तालाब छोड़कर आए। नरेन्द्र मोदी बचपन में साधु-संतों से काफी प्रभावित हुए, वे बचपन से ही संन्यासी बनना चाहते थे, इसके लिए मोदी विद्यालय की पढ़ाई के बाद घर छोड़कर भाग गए थे।
बचपन से ही था आरएसएस से लगाव
पीएम मोदी (PM Modi) का शुरु से ही आरएसएस (RSS) से काफी गहरा लगाव था। पीम मोदी बचपन में ही आरएसएस का हिस्सा बन गए थे। सन् 1958 में दीपावली के मौके पर गुजरात प्रांत के प्रचारक लक्ष्मण राव इनामदार ने इन्हें बाल स्वयंसेवक की शपथ दिलाई था, फिर वह धीरे-धीरे कर के आरएसएस की शाखाओं में आने-जाने लगे।
इस तरह हुई राजनीतिक सफर की शुरुआत
लाल कृष्ण आडवाणी पीएम मोदी का राजनीतिक गुरु माना जाता है। 1985 में पीएम मोदी ने राजनीतिक दुनिया में कदम रखा और भाजपा से जुड़ गए। सन् 1988-89- में उन्हें भारतीय जनता पार्टी की गुजरात इकाई के महासचिव पद की जिम्मेदारी मिली। इसके बाद सन् 1990 में लाल कृष्ण आडवाणी की सोमनाथ-अयोध्या रथ यात्रा के आयोजन में उन्होंने अहम भूमिका निभाई थी। फिर सन् 1995 में पीएम मोदी को भारतीय जनता पार्टी का राष्ट्रीय सचिव और पांच राज्यों का पार्टी प्रभारी नियुक्त किया गया। सन् 1998 में उन्हें महासचिव (संगठन) बनाया गया।
2001 में बने गुजरात के सीएम
सन् 2001 ये साल पीएम मोदी (PM Modi) के जीवन में एक टर्निंग प्वाइंट रहा। तब गुजरात में आए भूकंप के कारण 20 हजार लोग मारे गए थे, तभी राजनीतिक दबाव के चलते तत्कालीन मुख्यमंत्री केशुभाई पटेल को अपने पद से इस्तीफी देना पड़ा था, फिर उनकी जगह पर नरेंद्र मोदी दिल्ली से गुजरात भेजा गया और पहली बार वो गुजरात के मुख्यमंत्री बने। इसके बाद लगातार चार सालों तक इस पद को संभाला। साल 2012 में नरेंद्र मोदी को पीएम चेहरे के लिए प्रचारित किया जाने लगा।
2014- भारत के प्रधानमंत्री के रूप में ली शपथ ली
साल 2014 में लोकसभा चुनाव का आयोजन किया गया। इस दौरान नरेंद्र मोदी को एनडीए ने पीएम चेहरा चुना। साल 2014 का चुनाव भारतीय जनता पार्टी के लिए कीर्तिमान था, क्योंकि पहली बार किसी गैर-कांग्रेसी सरकार से बहुमत हासिल की थी, उस दौरान भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व में पीएम मोदी ने 282 सीटें हासिल कीं। इसके बाद इसी तरह 2019 में हुए लोकसभा चुनाव के दौरान एक बार फिर पीएम मोदी ने इतिहास रचते हुए पीएम पद की शपथ ली।
लोकसभा चुनाव 2024: नरेंद्र मोदी तीसरी बार बने प्रधानमंत्री
साल 2024 के लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और एनडीए गठबंधन ने एक बार फिर ऐतिहासिक जीत दर्ज की, जिससे नरेंद्र मोदी तीसरी बार भारत के प्रधानमंत्री बने। इस जीत के साथ, मोदी ने भारतीय राजनीति में एक और मील का पत्थर स्थापित किया, जो लगातार तीन बार प्रधानमंत्री बनने वाले पहले गैर-कांग्रेसी नेता बन गए हैं। पीएम मोदी देश के पहले ऐसे प्रधानमंत्री है, जिन्होंने लालकिले के प्राचीर से लगातार देश को 11वीं बार संबोधित किया है।
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