Lok Sabha Election 2024 : कल से लोकसभा चुनाव के पहले चरण की वोटिंग होनी है और इसके लिए चुनाव प्रचार थम चुका है। हालांकि, जिन हिस्सों में अभी वोटिंग में समय है, वहां सभी दल जोरों-शोरों से प्रचार में लगे हुए हैं। हर कैंडिडेट अपनी सीट पर जीत के लिए जी जान लगा रहा है और वोटरों को साधने की पूरी कोशिश कर रहा है। देश का पूरा मौहाल चुनावी हो गया है, ऐसे में आज हम आपको उन प्रत्याशियों के बारे में बताएंगे, जो सबसे कम वोट से जीतकर लोकसभा पहुंचे।
सबसे कम वोटों से जीते ये सांसद
सबसे कम वोटों से जीत हासिल करने में सबसे पहले बीजेपी के सोम मरांडी का नाम आता है, जिन्होंने सन् 1998 से सबसे कम मतों से जीतने का रिकॉर्ड बनाया। सोम मरांडी ने बिहार के राजमहल संसदीय क्षेत्र से सबसे कम महज 9 वोटों से जीत हासिल की थी।
सन् 1989 के आम चुनाव में आंध्र प्रदेश के अनकापल्ली संसदीय क्षेत्र से कांग्रेस के कोंथाला रामकृष्ण भी 9 वोटों से जीते थे।
सन् 1996 में हुए लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के गायकवाड़ सत्यजीत सिंह दिलीप सिंह गुजरात के वड़ोदरा में सबसे कम 17 वोटों के अंतर से विजय हासिल कर लोकसभा पहुंचे थे।
सन् 1971- एमएस सिवासामी को महज 26 वोटों से जीत मिली थी
साल 2014 के चुनाव में बीजेपी प्रत्याशी थुपस्तान छेवांग को भी जम्मू-कश्मीर की लद्दाख सीट से महज 36 वोटों से जीत हासिल हुई थी।
साल 2004 के चुनाव में जनता दल (यूनाइटिड) के डॉ. पी पुकुनहीकोया के नाम भी कम वोटों से जीत का रिकॉर्ड हैं, वो लक्षद्वीप से महज 71 वोटों से जीते थे। जिनका नाम आज भी इतिहास में सबसे कम वोट पाने वालों में दर्ज है।
1980- देवरिया सीट से कांग्रेस के रामायण राय 77 वोटों से जीत मिली थी.
अब लोकसभा चुनाव 2024 में ये देखना दिलचस्प होगा कि कौन सा प्रत्याशी सबसे कम तो कौन सबसे ज्यादा वोटों से जीत हासिल करने का रिकॅार्ड बनाता है।
बता दें कि, इस बार कुल 7 चरणों में मतदान होना है. जिसकी शुरुआत 19 अप्रैल से हो रही है. बता दें कि पहले चरण की वोटिंग 19 अप्रैल को होनी है तो वहीं दूसरे की 26 अप्रैल, तीसरे की 7 मई, चौथे की 13 मई, पांचवे की 20 मई, छठे की 25 मई और 1 जून को सातवें चरण के लिए वोट डाले जाएंगे।
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