Kolkata Underwater Metro : दिल्ली, मुंबई या बेंगलुरु हो, हर जगह मेट्रो को आपने या तो अंडरग्राउंड देखा है या फिर एलिवेटेड, लेकिन अब आप अंडर वाटर मेट्रो से भी सफर तय कर सकेंगे। जी हां, क्योंकि आज प्रधानमंत्री मोदी ने कोलकाता में भारत की पहली अंडर वाटर मेट्रो (Kolkata Underwater Metro) का उद्घाटन किया है। ये मेट्रो नदी के अंदर से होकर गुजरेगी, जिससे महज एक मिनट में मेट्रो से हुगली नदी पार कर पाएंगे। आइए जानतें है इस अंडर वॅाटर मेट्रो की खासियत…
Kolkata Underwater Metro :कोलकाता अंडर वाटर मेट्रो की खासियत
भारत की पहली अंडर वाटर मेट्रो : यह भारत की पहली मेट्रो लाइन है जो हुगली नदी के नीचे से गुजरती है। 520 मीटर लंबा यह अंडर वाटर टनल भारत के इंजीनियरिंग कौशल का प्रतीक है।
दो शहरों को जोड़ती है: यह मेट्रो लाइन हावड़ा और सियालदह को कनेक्ट करती है, जो पहले सड़क मार्ग से ही जुड़े थे। इससे इन शहरों के बीच यात्रा का समय काफी कम हो जाएगा।
सुरक्षा: अंडर वाटर टनल में सुरक्षा का विशेष ध्यान रखा गया है। इसमें आधुनिक फायर अलार्म, स्प्रिंकलर सिस्टम और आपातकालीन निकास द्वार हैं। यह टनल सतह से लगभग 33 मीटर नीचे है
आधुनिक सुविधाएं: मेट्रो ट्रेनें आधुनिक सुविधाओं से लैस हैं। इनमें एयर कंडीशनिंग, सीसीटीवी कैमरे, और यात्रियों के लिए जानकारी देने वाली डिस्प्ले स्क्रीन हैं।
पर्यावरण के अनुकूल: अंडर वाटर मेट्रो लाइन पर्यावरण के अनुकूल है। इससे सड़क मार्ग पर वाहनों की संख्या कम होगी, जिससे प्रदूषण में कमी आएगी।
पर्यटन को बढ़ावा: अंडर वाटर मेट्रो लाइन पर्यटन को बढ़ावा देगी। यह पर्यटकों के लिए एक नया आकर्षण होगा।
आर्थिक विकास: अंडर वाटर मेट्रो लाइन से क्षेत्रीय आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा। इससे रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे।
भारत की मेट्रो प्रणाली का विस्तार: यह भारत की मेट्रो प्रणाली का विस्तार है। इससे देश के विभिन्न शहरों में मेट्रो लाइनें बिछाने की योजना को गति मिलेगी।
राष्ट्रीय महत्व: यह परियोजना राष्ट्रीय महत्व की है। यह भारत के बुनियादी ढांचे के विकास में एक महत्वपूर्ण योगदान है।
लंदन और पेरिस के बीच चैनल टनल से गुजरने वाली यूरोस्टार ट्रेनों की तरह ही कोलकाता मेट्रो की इस सुरंग को बनाया गया है। यात्री पानी के नीचे बनी इस आधा किलोमीटर की सुंरग से 1 मिनट से भी कम समय में गुजरेंगे।
अप्रैल 2017 में Afcons ने सुरंग बनाने के लिए खुदाई शुरू की थी और उसी साल जुलाई में उन्हें पूरा किया गया।
अंडर वाटर मेट्रो लाइन:
लंबाई: 10.8 किलोमीटर
स्टेशनों की संख्या: 6
अंडर वाटर टनल की लंबाई: 520 मीटर
ट्रेनों की संख्या: 30
यात्रियों की क्षमता: 1,750