Tuesday, December 3, 2024
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Mahashivratri 2024 : भारत का ऐसा अनोखा मंदिर, जहां महाशिवरात्रि पर पूजे जाते है मेंढक

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Mahashivratri 2024 : इन दिनों पूरे देश में महाशिवरात्रि पर्व की धूम है, भगवान शिव के भक्त बड़े ही जोरों-शोरों से उनके विवाहोत्सव की तैयारियों में जुटे हुए है। वैसे तो भारत में महादेव के कई मंदिर है, लेकिन आज हम आपको शिवरात्रि (Mahashivratri 2024) के खास मौके पर एक ऐसे मंदिर के बारे में बताएंगे जहां मेंढकों की पूजा होती है। जी हां, आपको सुनकर हैरीनी हुई होगी, लेकिन यही सच है। इसे मेंढक मंदिर के नाम से जानते है, यहां मेढकों की पूजा होती है यहां महाशिवरात्रि और दीपावली पर भक्तों की भारी भीड़ जुटती है। उत्तर प्रदेश ही नहीं पूरे देश के शिव मंदिरों में यह सबसे अनोखा मंदिर है। तो चलिए जानते है इस मंदिर के बारे में।

Mahashivratri 2024 : कहां स्थित है ये मंदिर

ये अनोखा मंदिर उत्तरप्रदेश के लखीमपुर-खीरी जिले के ओयल कस्बे में स्थित है। यह भारत का एकमात्र ऐसा शिव मंदिर है, जहां मेंढक की पूजा होती है। इस मंदिर का इतिहास 200 साल पुराना है और मान्यता है कि सूखे और बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदा से बचाव के लिए इस मंदिर का निर्माण कराया गया था। कहा जाता है कि ये जगह ओयल शैव संप्रदाय का प्रमुख केंद्र थी और यहां के शासक भगवान शिव के उपासक थे। यह क्षेत्र 11वीं सदी से 19वीं सदी तक चाहमान शासकों के आधीन रहा था। चाहमान वंश के राजा बख्श सिंह ने ही इस अनोखे मंदिर का निर्माण कराया था।

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मंदिर में बदलता है शिवलिंग का रंग

मेंढक मंद‍िर की खास बात यह भी है कि यहां श‍िवल‍िंग का रंग बदलता है। यहां खड़ी नंदी की मूर्ति है, जो कहीं ओर देखने को नहीं मिलेगी। मंदिर की दीवारों पर तांत्रिक देवी-देवताओं की मूर्तियां लगी हुई हैं। मंदिर के अंदर कई विचित्र चित्र भी लगे हुए हैं, जो मंदिर को शानदार रूप देते हैं। मंदिर के सामने ही मेंढक की मूर्ति है और पीछे भगवान शिव का पवित्र स्थल है।

यह भी पढ़ें- भारत में है दुनिया का सबसे बड़ा शिव मंदिर, जहां महादेव ने दिया था ब्रह्माजी को श्राप

बता दें कि मंदिर की वास्तु परिकल्पना कपिला के एक महान तात्रिंक द्वारा की गई थी। यह मंदिर तंत्रवाद पर आधारित है, इस मंदिर की वास्तु संरचना अपनी विशेष शैली के कारण लोगों का मनमोह लेती है।

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