Monday, May 20, 2024
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जानिए देश के उपराष्ट्रपति का वेतन और उनकी शक्तियां? उन्हें क्या-क्या खास सुविधाएं मिलती हैं

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उपराष्ट्रपति चुनाव के नतीजें आ गए हैं। इसी के साथ देश को आज नया उपराष्ट्रपति मिल गया। एनडीए उम्मीदवार जगदीप धनखड़ (Jagdeep Dhankhar) ने विपक्ष की संयुक्त उम्मीदवार मार्गरेट अल्वा को भारी मतों से हराकर जीत दर्ज की है। धनखड़ को 528 वोट मिले, जबकि अल्वा को 182 वोट प्राप्त हुए। वहीं, 15 वोटों को रद्द कर दिया गया। जगदीप धनखड़ मौजूदा उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू की जगह लेंगे, जिनका कार्यकाल 10 अगस्त को समाप्त हो रहा है और नए उपराष्ट्रपति 11 अगस्त को शपथ लेंगे। लेकिन क्या आप जानते है कि देश के उपराष्ट्रपति की क्या शक्तियां है, इनका चयन कैसे होता है, इनका वेतन और इन्हें मिलने वाली खास सुविधाओं के बारे में? अगर नहीं तो चलिए जानते है…

उपराष्ट्रपति की शक्तियां (Powers And The Significance Of Vice President)

राष्ट्रपति के बाद उप राष्ट्रपति देश का दूसरा सर्वोच्च पद होता है। देश का संविधान उपराष्ट्रपति को दोहरी भूमिका सौंपता है। पहली भूमिका कार्यपालिका के दूसरे मुखिया और दूसरी भूमिका है राज्यसभा के सभापति की होती है। उपराष्ट्रपति की जिम्मेदारी तब अहम हो जाती है, जब राष्ट्रपति का पद किसी वजह से खाली हो जाए। तब इस जिम्मेदारी को उपराष्ट्रपति को ही निभानी पड़ती है।

उपराष्ट्रपति को कितना मिलता वेतन? (Salary Of Vice President Of India)

देश के उपराष्ट्रपति की सैलरी ‘संसद अधिकारी के सैलरी और भत्ते अधिनियम, 1953’ के तहत निर्धारित होता है। उपराष्ट्रपति को कोई सैलरी नहीं होती है। उपराष्ट्रपति ही राज्यसभा का सभापति भी होता है इसलिए सभापति के तौर पर उन्हें सैलरी और सुविधाएं दी जाती हैं। रिपोर्ट के मुताबिक उपराष्ट्रपति को प्रतिमाह 4 लाख रुपये सैलरी मिलती है। इसके अलावा उन्हें कई तरह के भत्ते भी मिलते हैं।

कैसे होता है उप राष्ट्रपति पद का चुनाव (Vice President of India Election Process)

उप राष्ट्रपति चुनाव में सिर्फ राज्यसभा और लोकसभा के सांसद ही वोट डाल सकते हैं। दोनों सदनों के मनोनीत सांसद भी उप राष्ट्रपति चुनाव में वोटिंग कर सकते हैं, हालांकि मनोनीत सांसदों को राष्ट्रपति चुनाव में वोटिंग का अधिकार नहीं होता। इस तरह से उप राष्ट्रपति चुनाव में दोनों सदनों के 790 सदस्य हिस्सा लेते हैं। राज्यसभा में कुल सांसदों की संख्या 245 है जिनमें चुने हुए सदस्य 233 और मनोनीत सदस्यों की संख्या 12 है। उसी तरह निचले सदन यानी लोकसभा में कुल 545 सदस्य हैं। इनमें चुने हुए सदस्य 543 और मनोनीत सदस्यों की संख्या 2 है।

उप राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव इलेक्शन अनुपातिक प्रतिनिधि पद्धति के आधार पर किया जाता है. इसमें खास तरह से वोटिंग होती है जिसे सिंगल ट्रांसफरेबल वोट सिस्टम कहते हैं. चुनाव में मतदाता को वोट तो एक ही देना होता है मगर उसे अपनी प्राथमिकता तय करनी होती है. जैसे पहली पसंद को 1, दूसरी पसंद को 2 और तीसरी पसंद को प्राथमिकता देना होता है।

देश में अब तक कुल कितने उप राष्ट्रपति रहे हैं?

डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन- 13 मई 1952 से 12 मई 1962 – 2 बार
डॉ. जाकिर हुसैन –13 मई 1962 से 12 मई 1967
वी.वी. गिरि –13 मई 1967 से 3 मई 1969
गोपाल स्वरूप पाठक –31 अगस्त 1969 से 30 अगस्त 1974
बी डी जत्ति– 31 अगस्त 1974 से 30 अगस्त 1979
एम हिदायतुल्ला- 31 अगस्त 1979 से 30 अगस्त 1984

आर वेंकटरमन– 31 अगस्त 1984 से 24 जुलाई 1987
डॉ. शंकर दयाल शर्मा- 3 सितम्बर 1987 से 24 जुलाई 1992
केआर नारायणन– 21 अगस्त 1992 से 24 जुलाई 1997
श्री कृष्णकांत – 21 अगस्त 1997 से 27 जुलाई 2002
भैरों सिंह शेखावत– 19 अगस्त 2002 से 21 जुलाई 2007
मोहम्मद हामिद अंसारी-11 अगस्त 2007 से 10 अगस्त 2017- दो बार
एम. वेंकैया नायडू- 11 अगस्त 2017 से अब तक

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