मुस्कुराते हुए जो निकले है जाने वाले
अबकी लगता है कि नहीं आने वाले।।
तू जा रहा है तो ये ख्वाहिशें भी लेते जा
जो कभी देखे थे सपने सजाने वाले।।
तेरे बाद हिज्र कि राते बहुत काटी है मैंने
कोई क्या कोई क्या बताते है बताने वाले।।
तू किसी रोज़ हमे काॅल करेगा तब तक
उठ चुके होंगे तेरा फोन उठाने वाले।।
उसने पूछा भी नहीं मैं हूं किस हाल में
मगर वो ज़िंदा है हर वक़्त मेरे ख़्याल में।।
जब वो गया तो देखकर लगा नहीं उसे
बस भूल जाएगा मुझे एक-दो साल में।।
रक़ीब के साथ मिली तो मुझ से मेरा नाम पूछा
क्या बताता क्या ही रह गया था हाल चाल में।।
By-© राजन सिंह पाल ‘अनिरुद्ध’
देश-विदेश की ताजा खबरें पढ़ने और अपडेट रहने के लिए आप हमें Facebook Instagram Twitter YouTube पर फॉलो व सब्सक्राइब करें।
Join Our WhatsApp Group For Latest & Trending News & Interesting Facts