BJP का साथ छोड़ नीतीश कुमार ने बुधवार को राष्ट्रीय जनता दल के समर्थन से नई सरकार बना ली है। नीतीश कुमार ने आठवीं बार बिहार के मुख्यमंत्री पद की शपथ ग्रहण करने के बाद अपनी पुरानी सहयोगी पार्टी भाजपा पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि 2024 के चुनाव में हम रहें या न रहें वो यानी बीजेपी नहीं रहेगी।
22 साल में 8वीं बार सीएम बने नीतीश
राजभवन में बुधवार को राज्यपाल फागू चौहान ने नीतीश को सीएम एवं राजद नेता तेजस्वी यादव को डिप्टी सीएम पद के लिए शपथ दिलाई। नीतीश बीते 22 साल में 8वीं बार बिहार के मुख्यमंत्री बने हैं। नीतीश कुमार ने बुधवार को राजभवन जाकर राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंप दिया। साथ ही उन्होंने 164 विधायकों के समर्थन वाली चिट्ठी भी राज्यपाल को सौंपी। नीतीश ने भाजपा से अपनी राह अलग करने के बारे में सफाई भी दी। उन्होंने कहा कि जद-यू की बैठक में विधायकों एवं सांसदों ने गठबंधन से अलग होने की बात कही। बिहार में ‘चाचा-भतीजा’ का सियासी प्यार? जब डिप्टी CM की शपथ ले मंच पर ही नीतीश के पैर छूने को झुके तेजस्वी, देखें- फिर क्या हुआ?
दोनों दलों के बीच सबकुछ ठीक ठाक नहीं चल रहा था
भाजपा से अलगाव के बारे में सूत्रों का कहना है कि 2020 में सरकार बनने के बाद से ही भाजपा और जद-यू के बीच सबकुछ ठीकठाक नहीं चल रहा था। स्थानीय नेताओं का मानना है कि विधानसभा चुनाव में जद-यू को हराने एवं ज्यादा सीटों पर जीत हासिल करने से रोकने के लिए भाजपा ने चिराग पासवान को आगे किया। चिराग की वजह से चुनाव में जद-यू को नुकसान उठाना पड़ा। सूत्रों का कहना है कि चिराग की कसक नीतीश कुमार के मन में हमेशा रही। इसके अलावा विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा के साथ सीएम नीतीश की हुई तकरार ने भी दोनों दलों के रिश्तों में तल्खी लाने का काम किया। आरसीपी सिंह प्रकरण ने गठबंधन से अलग होने के लिए नीतीश कुमार को एक ठोस वजह दे दी।