Elon Musk : टेस्ला कंपनी के मालिक एलन मस्क (Elon Musk) दुनिया के सबसे बड़े सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर (Twitter) के आधिकारिक मालिक बन गए हैं। वहीं ट्विटर की बागडोर मस्क के हाथ में आते ही उन्होंने सबसे पहले ट्विटर के सीईओ पराग अग्रवाल समेत कंपनी के कई बड़े पदों पर बैठे लोगों को बाहर का रास्ता दिखा दिया। क्या आपको पता है कि एलन मस्क ट्विटर को खरीदने के लिए इतने उत्साहित क्यों थे, इसको खरीदने के पीछे उनका असली मकसद क्या था? शायद नहीं तो चलिए आपको इस बारे में बताते जिसका खुलासा खुद एलन मस्क ने किया।
बता दें कि ट्विटर की कमान संभालने के पहले एलन मस्क ने गुरुवार को एक पोस्ट करते हुए बताया था कि इस डील के पीछे उनका क्या मकसद है? वो क्यों ट्विटर को खरीदना चाहते थे, इसकी असली और सबसे बड़ी वजह क्या थी? तो आइए जानते है एलन मस्क पोस्ट में क्या लिखा और ट्वीटर खरीदने के पीछे की वजह बताई….
एलन मस्क ने बताई ये वजह
एलन मस्क ने माइक्रोब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म ट्विटर को खरीदने की डील के पीछ के मकसद को बताने के लिए गुरुवार को एक पोस्ट किया था। इसमें उन्होंने ये भी बतायाथा कि प्लेटफॉर्म पर विज्ञापन को लेकर वो क्या सोचते हैं। उन्होंने पोस्ट में लिखा कि मैं ट्विटर खरीदने को लेकर अपनी प्रेरणा व्यक्तिगत रूप आपके साथ शेयर करना चाहता हूं। मैंने ट्विटर क्यों खरीदा, इसे लेकर लगातार कई अटकलें लगाई गईं, लेकिन इनमें से ज्यादातर गलत साबित हुई हैं।
मस्क ने खुलासा करते हुए लिखा कि उन्होंने ट्विटर को इसलिए खरीदा है, जिससे हमारी आने वाली सभ्यता के पास एक कॉमन डिजिटल स्पेस हो, जहां विभिन्न विचारधारा और विश्वास के लोग किसी भी किसी तरह की हिंसा का सहारा लिए बिना, स्वस्थ तरीके से विश्वासों की एक विस्तृत श्रृंखला के साथ चर्चा कर सकें।
मानवता की मदद करना बड़ा मकसद
उन्होनें कहा है कि ट्विटर खरीदने के पीछे उनका मकसद उससे पैसा कमाना नहीं है बल्कि मानवता की मदद करने की कोशिश करनी है। मैं मानवता से प्यार करता हूं और मानवता की मदद करने के लिए वो किसी भी हद तक जा सकते हैं। ट्विटर पर चलाए जा रहे विज्ञापन को लेकर उन्होनें स्पष्ट किया कि गैरजरूरी विज्ञापन पर लगाम लगाने की कोशिश रहेगी।
मस्क ने किया खतरे का भी जिक्र
एलन मस्क ने पोस्ट में आगे लिखा कि यहां पर अभी एक बड़ा खतरा सामने है कि सोशल मीडिया कट्टर दक्षिणपंथ और कट्टर वामपंथ के बीच में बंट जाएगा और हमारी सोसाइटी में और नफरत फैलाएगा। ज्यादा क्लिक की चाह में अधिकतर ट्रेडिशनल संस्थानों ने इसे हवा दी है, लेकिन ऐसा करने से संवाद का मौका कहीं खो गया है। इसे साथ ही मस्क ने कहा कि ट्विटर को “सभी का गर्मजोशी से स्वागत” करना चाहिए और उपयोगकर्ताओं को वह अनुभव चुनने में सक्षम बनाना चाहिए जो वे चाहते हैं। इसके अलावा, मस्क ने विज्ञापनदाताओं से कहा कि वह चाहते हैं कि यह प्लेटफॉर्म दुनिया में सबसे सम्मानित विज्ञापन प्लेटफॉर्म हो।
इस दिन शुरु हुए थी ट्विटर को खरीदने की कहानी
बता दें कि 4 अप्रैल को $44 बिलियन में अधिग्रहण के लिए मस्क ने ऐलान किया था कि कंपनी में उनकी 9.2 प्रतिशत हिस्सेदारी है बाकि का वो खरीदने जा रहे हैं, जिससे वे सबसे बड़े शेयरधारक बन सकें। लेकिन, मई महीने के बीच तक मस्क ने इसे खरीदने को लेकर इस चिंता का हवाला देते हुए अपना विचार बदल दिया, कि माइक्रो-ब्लॉगिंग साइट पर फर्जी अकाउंट्स की संख्या ट्विटर के दावे से अधिक थी। इसके बाद उन्होंने घोषणा की कि वह अब 44 अरब डॉलर के सौदे के साथ आगे नहीं बढ़ना चाहते हैं।
वहीं ट्विटर ने तर्क दिया कि अरबपति कानूनी रूप से कंपनी को खरीदने के लिए प्रतिबद्ध था और उसने मुकदमा दायर किया। बता दें, ट्विटर समूह ने उन्हें 27 अक्टूबर तक डील पूरी करने या फिर कानूनी कार्रवाई झेलने की डेडलाइन दी थी।