बिहार में जारी सियासी घमासान के बीच आखिरकार नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा (Resignation) दे दिया है। वहीं इसे लेकर लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास पासवान) के नेता चिराग पासवान ने नीतीश कुमार पर जमकर हमला बोला है। चिराग पासवान ने कहा कि बिहार का ताजा राजनीतिक मौसम जिस तरफ बदल रहा है, उसकी जानकारी आप सबको है। चिराग ने कहा कि आज बिहार में जब मजबूत सरकार की जरूरत है, तब वो गठबंधन बदल रहे हैं। नीतीश किसी के सगे नहीं हैं। वह जिस-जिस के साथ रहे, सबसे पहले उसको खत्म किया। कंस को अपनी जान का डर था, लेकिन नीतीश कुमार को अपनी कुर्सी का डर है।
उन्होंने आगे कहा कि विधानसभा चुनाव के जब नतीजे आए थे, तब मैंने 11 नवंबर 2020 को कहा था कि नीतीश कुमार की राजनीतिक महत्वकांक्षाएं बहुत ज्यादा हैं. वो बहुत जल्द ही पलटी मारेंगे। चिराग पासवान ने कहा कि नीतीश कुमार प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनने का प्रयास करेंगे। ये जो कुछ हो रहा है, वो बिहार के हित में नहीं है। पिछले आठ सालों में नीतीश कुमार ने तीन गठबंधन बदल दिए हैं।
नीतीश बिहार के जनादेश का लगातार अपमान कर रहें
चिराग ने कहा कि नीतीश कुमार बिहार के जनादेश का लगातार अपमान कर रहे हैं। नीतीश जब 2017 में वापस एनडीए में लौटे थे, तब से अब तक उनके लिए बिहार में शासन का खूबसूरत मौका था। डबल इंजन की सरकार का फायदा बिहार के विकास के लिए कर सकते थे।
समझौता नीतीश नहीं बीजेपी कर रही थी
चिराग पासवान ने नीतीश पर हमला बोलते हुए कहा कि जो व्यक्ति ढंग के सीएम मटेरियल नहीं है, वो पीएम का मटेरियल कैसे बन जाएंगा? आखिर उन्होंने ये फैसला लेने के लिए छह अगस्त तक का इंतजार क्यों किया, क्या वो उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनना चाह रहे थे। नीतीश कुमार कहते हैं कि बीजेपी ने उनका अपमान किया, जबकि बीजेपी ने तो अपना एजेंडा भी नहीं दिया। उल्टा तमाम मुद्दों पर बीजेपी समझौता करती रही।
जॉर्ज फर्नांडिस और शरद यादव को भी धोखा दिया
चिराग पासवान ने कहा कि आज बिहार में जब मजबूत सरकार की जरूरत है, तब वो गठबंधन बदल रहे हैं। चिराग ने कहा कि नीतीश किसी के सगे नहीं हैं. वह जिस-जिस के साथ रहे, सबसे पहले उसको खत्म किया. कंस को अपनी जान का डर था, लेकिन नीतीश कुमार को अपनी कुर्सी का डर है. नीतीश कुमार ने जॉर्ज फर्नांडिस, शरद यादव को धोखा दिया।
अकेले बिहार का चुनाव लड़ें, ताकत पता चल जाएगी
चिराग पासवान ने कहा कि बिहार में फिर से चुनाव होने चाहिए। जनता का फ्रेश मैंडेट लेने के समय है। नीतीश कुमार एक बार बिहार में अकेले चुनाव लड़कर दिखाएं, उन्हें उनकी ताकत पता चल जाएगी। ललन सिंह ने एक बार कहा था कि नीतीश कुमार के पेट में दांत है. आज के बाद मुख्यमंत्री की विश्वसनीयता जीरो है।