Sunday, May 12, 2024
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Mahakal Temple Ujjain : आखिर क्यों उज्जैन के महाकाल की हर दिन इस खास समय पर महिलाओं को दर्शन की होती है मनाही

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Mahakal Temple Ujjain : वैसे तो पूरे देश में महादेव के लाखों शिव मंदिर हैं, लेकिन आज हम आपको दुनिया के एकमात्र ऐसे शिवलिंग के बारे में बताने जा रहे है जहां रोज 10 मिनट के लिए महिलाओं को महाकाल के दर्शन की अनुमति नहीं होती है। दरअसल, हम जिस मदिंर की बात कर रहें है, वो उज्जैन स्थित महाकालेश्वर (Mahakal Temple Ujjain) का मंदिर है, यह शिवलिंग 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है। अब आप सोच रहें होंगे कि भला ऐसा क्यों जो महिलाओं को यहां हर रोज 10 मिनट भगवान के दर्शन की मनाही होती है, तो चलिए आपको बताते है इसके पीछे का कारण और मंदिर से जुड़ी कुछ रोचक बातें।

Mahakal Temple Ujjain : विश्व का एकमात्र दक्षिणमुखी शिवलिंग

उज्जैन स्थित बाबा महाकालेश्वर (Mahakal Temple Ujjain) दुनिया के एकमात्र ऐसे शिवलिंग में से एक हैं, जो दक्षिणमुखी है अर्थात इनका मुख दक्षिण की ओर है। धर्म शास्त्रों के अनुसार दक्षिण दिशा के स्वामी स्वयं भगवान यमराज हैं। इसलिए यह भी मान्यता है कि जो भी सच्चे मन से भगवान महाकालेश्वर के दर्शन व पूजन करता है उसे मरने के बाद यमराज द्वारा दी जाने वाली यातनाओं से मुक्ति मिल जाती है।

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महाकाल के दर्शन से मिलती है अकाल मृत्यु के भय से मुक्ति

कहा जाता है भस्म आरती में महाकाल के दर्शन मात्र से अकाल मृत्यु के भय से मुक्ति मिल जाती है, इसी कारण देशभर के लाखों शिवभक्त साल भर भगवान महाकाल की भस्म आरती के दर्शन करने के लिए यहां पहुंचते हैं। लेकिन जब महाकाल को भस्म से स्नान कराया जाता है, तो उस समय महिलाओं को घूंघट निकालने को कहा जाता है, क्योंकि इस दौरान उन्हें बाबा के दर्शन करने की अनुमति नहीं होती है। इसके लिए बकायदा पंडित और पुरोहित रोज नंदीहाल से उद्घोष करते हैं।

अनादि काल से चली आ रही है ये परंपरा

यह जानकारी दी जाती है कि भगवान को भस्म से स्नान कराया जा रहा है और महिलाओं को अभी दर्शन करना वर्जित है। 10 मिनट तक भगवान महाकाल को भस्म रमाई जाती है उस समय महिलाएं दर्शन नहीं कर सकतीं। यह परंपरा अनादि काल से चली आ रही है। आइए अब जानते है ऐसा क्यों होता है।

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निराकार से साकार रूप में आते है भोले शंकर

महाकालेश्वर मंदिर के पंडित आशीष पुजारी के अनुसार भगवान महाकाल शिव रूप से शंकर रूप में प्रवेश करते हैं अर्थात निराकार से साकार रूप में आते हैं। उस दौरान भगवान को भस्म रमाई जाती है। भगवान के अभ्यंग स्नान का दर्शन महिलाएं नहीं करतीं, उन्होंने बताया कि जिस प्रकार से वस्त्र बदले जाते हैं, उसी तरीके से भगवान महाकाल निराकार रूप से साकार रूप में आते हैं, इसी कारण कुछ मिनटों के लिए महिलाओं को घूंघट निकालने के लिए कहा जाता है, जिससे वो भगवान को ना देख सकें।

द्वादश ज्योतिर्लिंग में महाकाल को ही चढ़ाई जाती है भस्म

12 ज्योतिर्लिंगों में से तीसरे नंबर पर है भगवान महाकालेश्वर का स्थान है, इनमें से एकमात्र यही एक ऐसा शिवलिंग है जो दक्षिणमुखी हैं अर्थात इनकी मुख दक्षिण की ओर है। धर्म शास्त्रों के अनुसार दक्षिण दिशा के स्वामी स्वयं भगवान यमराज हैं। इसलिए यह भी मान्यता है कि जो भी सच्चे मन से भगवान महाकालेश्वर के दर्शन व पूजन करता है उसे मरने के बाद यमराज द्वारा दी जाने वाली यातनाओं से मुक्ति मिल जाती है।

कोटितीर्थ कुंड का जल भगवान को होता है अर्पित

भगवान महाकाल को अवंतिका नगरी ही नहीं बल्कि ब्रह्मांड का राजा माना गया है। प्रतिदिन अलसुबह मंदिर का पट खुलने के बाद सबसे पहले गर्भगृह की सफाई की जाती है। इसके बाद राजाधिराज भगवान महाकाल को स्नान करवाया जाता है। स्नान के बाद भगवान का पंचामृत अभिषेक किया जाता है, इसके बाद ही श्रद्धालुओं को गर्भगृह में प्रवेश दिया जाता है। इस दौरान कोटितीर्थ कुंड से लाया गया जल पुजारी और श्रद्धालु शिवलिंग पर चढ़ाते हैं, उसे हरिओम जल कहा जाता है। इसके बाद बाबा महाकाल की भस्मारती होती है।

महीनों पहले ही हो जाती है भस्म आरती की ऑनलाइन बुकिंग

हर सुबह 4 बजे से रात 11 बजे तक भगवान महाकाल भक्तों को दर्शन देते हैं। इस दौरान महज 10 मिनट के लिए महिलाओं को दर्शन नहीं करने को कहा जाता है। विश्व भर में मौजूद शिव भक्तों में भगवान महाकाल की भस्म आरती को लेकर बड़ी आस्था है, इसमें शामिल होने के लिए कई महीनों पहले ही ऑनलाइन बुकिंग फुल हो जाती है।

इस तरह होती महाकाल की भस्म आरती

बताया जाता है कि महाकाल की भस्म आरती के लिए पलाश, बड़, शमी, पीपल, अमलतास, बैर के पेड़ की लकड़ियों और उपलों को साथ जलाया जाता है। इस दौरान मंत्रोच्चारण किए जाते हैं, फिर इसे एक साफ कपड़े से छानकर बाबा का श्रृंगार किया जाता है।

महाकाल करते है भक्तों की हर मनोकामना पूरी

धर्म ग्रंथों के अनुसार भगवान शिव एकमात्र ऐसे देवता हैं जो थोड़े जल से भी अपने भक्तों से प्रसन्न हो जाते हैं और उनकी हर इच्छा पूरी कर देते हैं। उसी प्रकार जो भी भक्त महाकालेश्वर के दर्शन कर अपनी मनोकामना करता है, वे जरूर पूरी होती है। ऐसी जनश्रुति है कि महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग के दर्शन करने मात्र से ही धन, धान्य, निरोगी शरीर, लंबी आयु, संतान आदि सब कुछ अपने आप ही प्राप्त हो जाता है।

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