World Blood Donor Day : रक्तदान, महादान होता है ये हम सब जानते हैं-पढ़ते हैं। हाल ही में ओड़िशा ट्रेन एक्सीडेंट के बाद वहां के लोगों ने कैसे दिन रात लाइन लगाकर ब्लड डोनेट किया था वो पूरे देश के लिए मिसाल है, पर आज भी लोग किसी को ब्लड देने की बात आती है तो हिचकते हैं। यहां तक कि अपने रिश्तेदान नातेदार भी पीछे हट जाते हैं। वहीं दूसरी ओर कई लोग ऐसे भी हैं जो बिना किसी रिश्ते नाते के ब्लड डोनेशन करते रहते हैं, उन्हें दिखती है तो केवल मानवता। ऐसी कई संस्थाएं भी हैं जो ब्लड कैंप के जरिए समय-समय पर रक्तदान कराती है, जिसमें लोग बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेते है। आज 14 जून को विश्व रक्तदाता दिवस (World Blood Donor Day) भी मानया जा रहा है, ऐसे में इस खास दिन पर हम आपको वाराणसी के एक ऐसे शख्स से रूबरू कराएंगे जो उन लोगों के लिए उदाहरण है, जो रक्तदान से करताते हैं, ये अबतक अपनी संस्था के जरिए हजारों लोगों को जीवनदान दे चुके हैं।
World Blood Donor Day : जानें कौन है ये ‘ब्लड एंजल’
हम जिनकी बात कर रहे हैं उनका नाम रोहित कुमार साहनी (Rohit Kumar sahani) है जो वाराणसी के निवासी है। रोहित बनारसी इश्क फाउंडेशन ट्रस्ट के संस्थापक है, ये संस्था पिछले 6 सालों से रक्तदान के लिए लोगों को जागरुक करती आ रही है और बल्ड डोनेशन कराती है। संस्था के जरिए अबतक हजारों लोगों को नई जिंदगी मिल चुकी है। आइए जानते है रोहित ने इस संस्था को कैसे शुरु किया और अबतक उनके इस सफर में आने वाले उतार-चढ़ाव के बारे में।
पेश है रोहित साहनी से बातचीत के कुछ मुख्य अंश
इस घटना ने बदल दी रोहित की जिंदगी
रोहित साहनी ने स्वराज हिंद से बात करते हुए बताया कि आज से पांच साल पहले एक कॅाल आता है सामने वाला कहता है कि मेरा एक्सिडेंट हो गया है मुझे ब्लड की जरुरत है, जिसके बाद मैंने अपने फेसबुक पेज बनारसी इश्क पर पोस्ट डाला और इस पोस्ट को देखकर अमित सिंह नाम के एक युवक जो कि आजमगढ़ के रहने वाले है, उन्होंने मुझसे संपर्क किया और वहां से बाइक चलाकर कुछ घंटो में बल्ड डोनेशन के लिए बनारस आ पहुंचें और मरीज के लिए रक्तदान किया। अमित सिंह के इस जज्बे को देख के मैं बहुत प्रेरित हुआ और मुझे लगा कि जब ये शख्स इतने दूर से किसी गैर के लिए रक्तदान करने यहां तक आ सकता है, तो हम बनारस के होकर यहां की आम पब्लिक की मदद क्यों नहीं कर सकते है, इसके बाद मेरा हौंसला बढ़ गया और मैंने अपने जन्मदिन पर पहले खुद रक्तदान किया फिर लोगों को मोटिवेट किया ऐसे करते हुए हमारी एक टीम बनती गई और ब्लड डोनेशन का कारवां आगे बढ़ता गया।
अबतक संस्था के जरिए इतने यूनिट बल्ड करा चुके है डोनेट
रोहित ने आगे बताया कि मैं अबतक मैं 17 बार बल्ड डोनेट कर चुका हूं। उन्होंने अपने संस्था के बारे में बताते हुए कहा कि मेरी संस्था है जिसका नाम बनारसी इश्क ट्रस्ट फाउंडेशन (Banarasi Ishq Trust Foundation) है, जो पिछले 6 सालों से रक्तदान कराने का काम कर रही है और खुशी की बात है कि अब ये रजिस्टर्ड भी हो चुकी है। अपने संस्था के माध्यम से अबतक हमने 1870 यूनिट ब्लड डोनेशन करवाया है, जिसमें 18 वर्ष से लेकर 60 वर्ष के महिला-पुरुष सभी जुड़े हुए है। साल 2023 में हम लोगों ने अबतक 700 यूनिट बल्ड डोनेट कराया है। वहीं रोहित साहनी खुद अब तक 22 बार ब्लड डोनेट कर चुके हैं।
रोहित की जिंदगी का अबतक का सबसे क्रिटिकल केस
उन्होंने अबतक के अपने सबसे क्रिटिकल केस के बारे में बात करते हुए बताया कि वैसे तो एक दो बार ऐसे कई ऐसे केस आए जिन्हें सॅाल्व करने में काफी मुश्किल हुई, लेकिन एक केस मुझे याद है जिसे सॅाल्व करने के लिए बनारस में पोस्ट वायरल हुआ था, जिसके लिए काफी लोगों ने मशक्कत की थी फिर भी उसे सॅाल्व नहीं करा पा रहे थे। उन्होंने बाताया कि कई बार पेशेंट का बल्ड ग्रुप काफी रेयर होता है, यानी बी नेगेटिव ओ नेगेटिव ब्लड ग्रुप जिसे अरेंज कराना थोड़ा मुश्किल होता है।
उन्होंने केस के बारे में बताते हुए कहा कि दो साल पहले जौनपुर का एक सिपाही था जिसका बल्ड ग्रुप बी नेगेटिव था और उसका प्लेटलेट काउंट पांच हजार चला गया था, जो अपनी जिंदगी और मौत के बीच जूझ रहा था। उस दौरान उसे प्लेटलेट की काफी आवश्यकता थी सुबह से हम प्रयास में लगे हुए थे, लेकिन कोई डोनर नहीं मिल रहा था फिर उसी दिन रात 12 बजे के करीब मैं और मेरे संस्था के लोग बीएचयू के बिड़ला हॅास्टल गए वहां से लड़कियों को बाइक से बिठा के लेकर आए और उन्होंने उस जवान के लिए प्लेटलेट डोनेट किया इस तरह से उसकी मदद हो पाई और उनकी जान बचाई जा सकी। रोहित ने कहा कि वो मेरे जीवन का सबसे बेहतरीन पल था जब मैंने उस सिपाही की जान बचाई और जिसे मैं शब्दों में बयां नहीं कर सकता।
लोगों को जागरुक करने के लिए की ये अपील
उन्होंने लोगों को जागरुक करने के लिए कहां कि अगर आप रक्तदान करना चाहते है तो आप डायरेक्ट बल्ड बैंक जाए जिसके एवज में आपको एक डोनर कार्ड और सर्टिफिकेट मिलता है। अगर भविष्य में कभी आपको या आपके किसी परिचित को बल्ड की जरुरत होती है तो आपको वहां से बल्ड आसानी से मिल जाएगा। इसके अलावा आप रजिस्टर्ड संस्था के माध्यम से ही ब्लड डोनेशन करें अगर कोई संस्था रजिस्टर्ड होगी तो वो भई आपको बल्ड डोनेशन से पहले डोनर कार्ड और सर्टिफिकेट देगी। उन्होंने कहा कि हमेशा रजिस्टर्ड संस्था के माध्यम से ही रक्तदान करें।
रक्तदान का श्रेय संस्था के सदस्यों को दिया
उन्होंने बताया कि रक्तदान कराने में सबसे बड़ा और अहम योगदान वेद प्रकाश गुप्ता, जयन्त अग्रवाल, अनूप गुप्ता, विशाल मेहरा, रोहित पर्जापति, आलोक यादव, शुभम जायसवाल, आशीष यादव, अंकिता सिंह, अरुंधती जायसवाल और संस्था के अन्य सदस्यों का है जो दिनरात लगे रहते है। उन्होंने बताया कि अबतक हम अपनी संस्था के जरिए हजारों लोगों को जीवनदान दे चुके है और आगे भी ये कारवां यूं ही जारी रहेगा, रक्तदान महादान आप भी देकर योगदान दीजिए किसी को जीवनदान।
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