Rajiv Gandhi Assassination : पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या के मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे नलिनी श्रीहरन समेत पांच अन्य दोषियों को रिहा कर दिया गया। इन्हीं दोषियों में से एक आरपी रविचंद्रन ने कहा कि “उत्तर भारत के लोगों को हमें आतंकवादियों या हत्यारों के बजाय पीड़ित के रूप में देखना चाहिए। समय और शक्ति निर्धारित करती है कि कौन आतंकवादी है और कौन स्वतंत्रता सेनानी? लेकिन समय हमें निर्दोष मानेगा, भले ही हम आतंकवादी होने का दोष सहन करें.”
बता दें कि, सुप्रीम कोर्ट ने 18 मई को संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत अपनी वीटो पॅावर का इस्तेमाल करते हुए एजी पेरारीवलन को रिहा किया गया था। नलिनी और रविचंद्रन ने जेल से रिहाई के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। इसके आधार में उन्होंने एजी पेरारीवलन की रिहाई का जिक्र किया, जो इसी मामले में सजा काट रहा था लेकिन उसको रिहा कर दिया गया था।
इससे पहले, मामले के छह दोषियों में से एक, नलिनी श्रीहरन ने 32 साल की सजा के दौरान उसे “मदद” देने के लिए तमिलनाडु और केंद्र सरकारों का आभार व्यक्त किया और कहा कि वह अपने परिवार के साथ रहना चाहती है। देश में सबसे लंबे समय तक आजीवन कारावास की सजा काट चुकी महिला कैदी नलिनी श्रीहरन को शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश के बाद शनिवार को वेल्लोर जेल से रिहा कर दिया गया।
नलिनी ने न्यायमूर्ति बीआर गवई और बीवी नागरत्ना की पीठ द्वारा पारित आदेश पर टिप्पणी करते हुए कहा कि “हमारे न्यायाधीश क्या गलत है और क्या सही है” जानते हैं। उन्होंने हमारे मामले का अध्ययन किया है। वे जानते हैं कि क्या गलत है और क्या सही है और वे क्या कर सकते हैं और उन्होंने वह किया। तमिलनाडु सरकार ने दोषियों की समय से पहले रिहाई की सिफारिश की थी। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने शुक्रवार को पूर्व प्रधानमंत्री की हत्या के मामले में नलिनी श्रीहरन सहित छह दोषियों को रिहा करने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया।
स्टालिन ने शुक्रवार को एक ट्वीट में कहा, “मैं छह लोगों की रिहाई पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करता हूं। सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला इस बात का सबूत है कि लोगों द्वारा चुनी गई सरकार के फैसलों को राज्यपालों द्वारा स्थगित नहीं किया जा सकता। नलिनी श्रीहरन और पांच अन्य पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या में उम्रकैद की सजा काट रहे थे। उन्हें शीर्ष अदालत ने जेल में अच्छे आचरण के आधार पर रिहा कर दिया।
बता दें कि, राजीव गांधी की 21 मई, 1991 को तमिलनाडु के श्रीपेरंबदूर में लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल ईलम (LTTE) समूह की एक महिला आत्मघाती हमलावर द्वारा हत्या कर दी गई थी। सात दोषियों को हत्या में उनकी भूमिका के लिए मौत की सजा सुनाई गई थी. इनमें नलिनी श्रीहरन, आरपी रविचंद्रन, जयकुमार, संथान, मुरुगन, रॉबर्ट पायस और एजी पेरारिवलन शामिल थे।