बिहार (Bihar) के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने विधानसभा में बोलते हुए बीजेपी (BJP) के खिलाफ बुधवार को जमकर हमला बोला। नीतीश कुमार ने कहा कि दिल्ली से कोई काम नहीं हो रहा है, केवल प्रचार कर हो रहा है। उन्होंने कहा कि 2014 में जो जीतकर आए वह काम नहीं बल्कि केवल प्रचार कर रहे हैं। नीतीश ने आगे कहा कि एनडीए सरकार (NDA Govt) में वह सीएम (CM) नहीं बनना चाहते थे, लेकिन दबाव डालकर बनाया गया था। इस दौरान नीतीश कुमार ने बीजेपी नेता लाल कृष्ण आडवाणी (Lal Krishna Advani) और पूर्व दिवंगत पीएम अटल बिहारी वाजपेयी (Atal Bihari Vajpayee) की तारीफ की और पीएम नरेंद्र मोदी (PM Modi) का नाम लिए बगैर उन पर हमला किया।
सदन से वॉकआउट कर गए भाजपा विधायक
विधानसभा में नीतीश कुमार जब बोलने उठे तो भाजपा विधायकों ने शोर शराबा एवं हंगामा करना शुरू कर दिया। इस पर नीतीश नाराज हुए। इस दौरान भाषण के दौरान भाजपा पर उनकी बौखलाहट बार-बार दिखी। उन्होंने कहा,’ भाजपा में अंड-बंड बोलेगा उसी को पार्टी में जगह मिलेगा। केंद्र सरकार के चलते बिहार में सड़क नहीं बनी है। अटली जी की सरकार जिसमें मैं भी मंत्री था, उस सरकार ने बिहार के गांवों में सड़कों का जाल बिछाने का निर्णय लिया…अटली जी, आडवाणी जी, जोशी जी सभी मुझे बहुत मानते थे। मेरी बात सुनते थे।’
‘सुनो…तुम लोग उस समय बच्चे थे’
हंगामा कर रहे भाजपा नेताओं को चुप कराते हुए नीतीश ने कहा कि ‘सुनो…तुम लोग बच्चे थे। उस समय तुम लोगों के पिता थे। ये जो आ गए हैं वो कोई काम किए हैं। ये केवल प्रचार-प्रसार के एक्सपर्ट हैं।’ भाजपा विधायकों से सदन से वॉकआउट पर नीतीश ने कहा कि यहां सात पार्टियों का समर्थन है। एक पार्टी बाहर से समर्थन दे रही है। आप लोग अकेले हो…बाहर ही तो जाओगे। बाहर जाने के लिए ऊपर से कहा गया होगा।
सीएम नीतीश कुमार ने कहा, ”हम लोगों ने गांव में सड़क पहुंचाने का काम किया. कोई ऐसा गांव बचा है क्या जहां सड़क न हो. ये केंद्र सरकार के चलते सड़क नहीं है, हमने काम किया. गांवों में सरकार बनाने का फैसला अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार ने लिया था. ये बैठ कर उस समय की सरकार ने तय किया कि बिहार के गांव में सड़क पहुंचाएंगे. उसी समय एक एक चीज शुरू किया और ये सब उसी समय की सरकार का फैसला है. अटल बिहारी वाजपेयी और लाल कृष्ण आडवाणी एक-एक बात मानते थे.”
2024 के चुनाव के लिए यह बोले नीतीश कुमार
बीजेपी पर हमला बोलते हुए नीतीश कुमार ने कहा कि पटना विश्वविद्यालय को केंद्रीय विश्वविद्यालय बनाने का उनका अनुरोध स्वीकार नहीं किया गया। नीतीश कुमार ने कहा, ”हमने (आरजेडी-जेडीयू) ने साथ में काम करने और बिहार का विकास करने की शपथ ली है। इस फैसले पर देशभर से नेताओं ने मुझे फोन किया और बधाई दी. मैंने सभी से आग्रह किया है कि 2024 के चुनाव में मिलकर लड़ें।
सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि केवल 2020 विधानसभा चुनाव की बात मत कीजिए, अतीत के उन चुनावों को भी याद कीजिए जब जेडीयू बीजेपी से ज्यादा सीटें जीतीं थीं. नीतीश कुमार ने आरोप लगाया कि बीजेपी प्रचार करती है, काम नहीं करती. उन्होंने कहा, ”आजादी की लड़ाई में आप कहां थे?”
बता दें कि, बिहार की राजनीति में बुधवार का दिन सियासी रूप से काफी हलचल भरा रहा। बुधवार को नीतीश सरकार को सदन में बहुमत साबित करना था और दिन की शुरुआत में राज्य में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के छाप से हुई। नौकरी के बदले जमीन मामले में जांच एजेंसी ने राजद के छह नेताओं के घरों एवं उनसे जुड़े ठिकानों पर छापे मारे। ये सभी नेता लालू यादव के करीबी हैं। सीबीआई की इस कार्रवाई पर राजद एवं जदयू दोनों भाजपा पर हमलावर दिखे। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की बौखलाहट भी विधानसभा में नजर आई। विधानसभा में उन्होंने पीएम मोदी एवं भाजपा पर हमला बोला।