मणिपुर की इंफाल-जिरबिम रेलवे लाइन पर चल रहे काम की सुरक्षा में तैनात भारतीय सेना के कैंप पर भूस्खलन होने से सेना के 7 जवानों समेत 14 लोगों की मौत हो गई, जबकि 25 जवान अब भी दबे हुए हैं। रेस्क्यू ऑपरेशन (Rescue Operation) अभी भी जारी है। मणिपुर लैंडस्लाइड (Manipur Landslide) से भारी तबाही हुई है। बता दें कि भारी बारिश की वजह से बुधवार रात अचानक पहाड़ दरका और भारतीय सेना का कैंप तबाह हो गया। जिस वक्त ये हादसा हुआ कैंप में बड़ी संख्या में जवान मौजूद थे।
डीजीपी पी डोंगल का कहना है कि 23 लोगों को बाहर निकाला जा चुका है जिसमें 14 लोगों की मौत हो चुकी है। बाकी लोगों की तलाश (Search) की जा रही है। सेना के जवान, रेलवे के कर्मचारी, गांववाले और मजदूरों को मिलाकर लगभग 60 लोगों के दब होने की आशंका है। कल दिनभर चले ऑपरेशन के बाद सेना के 7 जवानों के शव निकाले गए जबकि 13 जवानों को सुरक्षित बचाया गया। अधिकारियों के मुताबिक अभी बड़ी संख्या में जवान लापता हैं। जिनकी तलाश की जा रही है। कैंप पूरी तरह बर्बाद हो गया। खराब मौसम की वजह से रेस्क्यू ऑपरेशन में काफी दिक्कत हो रही है।
मणिपुर के नोनी जिले में इम्फाल-जिरिबम रेलवे लाइन के निर्माण का काम चल रहा है जिसकी सुरक्षा के लिए सेना के जवानों को तैनात किया गया है। टेरिटोरियल आर्मी की 107 कंपनी लैंडस्लाइड की चपेट में आई है। रेस्क्यू ऑपरेशन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नजर है पीएम मोदी ने मणिपुर के सीएम बीरेन सिंह से बात की और हर संभव मदद का भरोसा दिया।
टीए की 107 कंपनी आई चपेट में
भारतीय सेना के मुताबिक, 29-30 जून की रात नोने जिले के टूपल रेलवे स्टेशन के करीब आए भारी लैंड-स्लाइड से टीए की 107 कंपनी चपेट में आ गई। इस लोकेशन पर पर निर्माणधीन मणिपुर-जिरिबम रेलवे लाइन की सुरक्षा में तैनात सैनिक मौजूद थे। लैंड स्लाइड की घटना के बाद भारतीय सेना और असम राईफल्स ने फुल-स्केल रेस्कयू ऑपरेशन शुरु किए. राहत और बचाव कार्यों के लिए रेलवे की साइट पर मौजूद इंजीनियरिंग प्लांट से मशीनरी का इस्तेमाल किया गया. जानकारी के मुताबिक, सुबह 5.30 बजे तक 13 जवानों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया। सभी घायलों का नोने स्थित आर्मी मेडिकल यूनिट में इलाज चल रहा है. गंभीर रुप से घायल जवानों को इम्फाल और दूसरी जगह शिफ्ट किया जा रहा है।