Saturday, September 21, 2024
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कोरोना से जंग में भारत के हाथ लगा ब्रह्मास्त्र, मिली पहली नेजल वैक्सीन को मंजूरी

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Bharat Biotech Nasal Drop Approved : कोरोना से जंग के खिलाफ भारत के हाथ एक बड़ा ब्रह्मास्त्र लगा है। दरअसल, भारत को पहली इंट्रानेजल वैक्सीन (intranasal vaccine) मिल गई है। इसे हैदराबाद की फार्मा कंपनी भारत बायोटेक(Bharat Biotech) ने बनाया है। ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने मंगलवार को इसे इमरजेंसी यूज के लिए मंजूरी भी दे दी है। दरअसल नेजल वैक्सीन यानी नाक के जरिए दी जाने वाली वैक्सीन। इसकी खुराक 18 साल से ज्यादा के लोगों को दी जाएगी।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी। उन्होंने नेजल वैक्सीन को बड़ी उपलब्धि बताया है। उन्होंने कहा कि वैक्सीन कोरोना महामारी से लड़ाई की ओर एक बड़ा कदम है। भारत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में साइंस, रिसर्च एंड डेवलपमेंट और ह्यूमन रिसोर्स को बढ़ावा दिया है। साइंस पर आधारित अप्रोच और सबके प्रयास से हम कोरोना को जरूर हराएंगे।

इंट्रानेजल वैक्सीन की खासियत

भारत बायोटेक की इंट्रानेजल वैक्सीन का नाम BBV154 है। इसे नाक के जरिए शरीर में पहुंचाया जाता है। इसकी खास बात यह है कि शरीर में जाते ही यह कोरोना के इन्फेक्शन और ट्रांसमिशन दोनों को ब्लॉक करती है। चूंकि इस वैक्सीन में किसी इंजेक्शन की जरूरत नहीं पड़ती, इसलिए इससे चोट लगने का कोई खतरा नहीं है। साथ ही हेल्थकेयर वर्कर्स को भी कोई खास ट्रेनिंग की जरूरत नहीं पड़ेगी। नेजल वैक्सीन लगाने के तमाम फायदे भी हैं यानी इसे लेने से इंजेक्शन से वैक्सीन लगाने की जरूरत नहीं पड़ेगी साथ ही इसे अपने साथ कहीं भी कैरी कर सकेंगे वो भी आसानी से..इंजेक्शन से वैक्सीन नहीं लगेगी तो हेल्थवर्कर्स आदि मैन पॉवर को प्रशिक्षण की भी जरूरत ना के बराबर होगी।

कोरोना से जंग में ब्रह्मास्त्र साबित हो सकती है

मिली जानकारी के अनुसार नेजल वैक्सीन अगर सफल हो जाती है तो यह ब्रह्मास्त्र साबित हो सकती है, क्योंकि इसे आप खुद भी ले सकते हैं। यह COVID के लिए भारत का पहला नाक का टीका (intranasal vaccine) होगा। गौर है कि कोविड से बचाव के लिए जो Covaxin बनाने वाली भारत बायोटेक ने नेजल स्‍प्रे भी विकसित किया है। कोविड-19 से बचाव के लिए दुनियाभर में नेजल स्‍प्रे बनाने को लेकर जारी रिसर्च के बीच भारत बायोटेक के इंट्रानेजल वैक्‍सीन को ट्रायल के लिए नियामक से मंजूरी मिल चुकी थी।

नाक के जरिए इस वैक्सीन को देने का विकल्प

गौर हो कि कोविड-19 के अधिकांश केसों में यह पाया गया है कि कोरोना वायरस म्यूकोसा के माध्यम से बॉडी में प्रवेश करता है और म्यूकोसल मेमब्रेन में मौजूद कोशिकाओं को संक्रमित करता है अगर हम नाक के माध्यम से वैक्सीन देंगे तो यह काफी प्रभावी हो सकती है।

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