दवा (medicine) की कीमतों को लेकर एक अच्छी खबर आई है, क्योंकि देश में जरूरी दवाएं सस्ती होने वाली हैं। इसमें कैंसर रोधी दवाओं से लेकर कई एंटीबायोटिक्स और टीके शामिल है। इससे ‘मरीजों का खर्च ‘घटेगा। दरअसल, सरकार ने आवश्यक दवाओं की राष्ट्रीय सूची (एनएलईएम) में आइवरमेक्टिन, मुपिरोसिन, निकोटीन रिप्लेसमेंट थेरेपी जैसी कुछ संक्रमण रोधी दवाओं को भी जोड़ दिया गया है। इस सूची में अब 384 दवाएं शामिल हो गई हैं। वहीं 26 दवाओं को इस राष्ट्रीय सूची से हटा दिया गया है, जिनमें रैनिटिडिन, सुक्रालफेट, व्हाइट पेट्रोलेटम, एटेनोलोल और मेथिल्डोपा भी शामिल हैं।
लागत प्रभावशीलता और बेहतर दवाओं की उपलब्धता के मापदंडों के आधार पर इन दवाओं को सूची से बाहर किया गया है। सरकार ने मंगलवार को सूची जारी करने के बाद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया (Dr Mansukh Mandaviya) ने ट्वीट किया, ‘आवश्यक दवाओं की राष्ट्रीय सूची 2022 जारी की। इसमें 27 श्रेणियों में 384 दवाएं शामिल हैं।
‘सबको दवाई, सस्ती दवाई’ की दिशा में कई कदम
इस अवसर पर मांडविया ने कहा कि उनका मंत्रालय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दृष्टिकोण के तहत ‘सबको दवाई, सस्ती दवाई’ की दिशा में कई कदम उठा रहा है। उन्होंने कहा, ‘इस दिशा में, आवश्यक दवाओं की राष्ट्रीय सूची स्वास्थ्य सेवा के सभी स्तर पर सस्ती गुणवत्ता वाली दवाओं की पहुंच सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। यह लागत प्रभावी, गुणवत्तापूर्ण दवाओं को बढ़ावा देगी और नागरिकों के लिए स्वास्थ्य देखभाल पर खर्च में कमी लाने में योगदान देगी।’
इन अन्य दवाओं ने भी सूची में जगह बनाई
एनएलईएम 2022 का संशोधन शिक्षाविदों, उद्योगपतियों और लोक नीति विशेषज्ञों समेत हितधारकों तथा विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की आवश्यक दवा सूची (ईएमएल)-2021 जैसे महत्वपूर्ण दस्तावेजों के साथ निरंतर परामर्श के बाद किया गया है।संशोधित सूची में अंतस्रावी दवाओं और गर्भनिरोधक फ्लूड्रोकोर्टिसोन, ओरमेलोक्सिफेन, इंसुलिन ग्लरगाइन और टेनेनिग्लिटीन को जोड़ा गया है। श्वसन तंत्र की दवा मॉन्टेलुकास्ट, और नेत्र रोग संबंधी दवा लैटानोप्रोस्ट का नाम सूची में है। हृदय और रक्त नलिकाओं की देखभाल में उपयोग की जाने वाली दवा डाबिगट्रान और टेनेक्टेप्लेस के अलावा अन्य दवाओं ने भी सूची में जगह बनाई है।
इसे पहले में तीन बार संशोधित किया गया था
मांडविया ने कहा कि एनएलईएम का प्राथमिक उद्देश्य तीन महत्वपूर्ण पहलुओं- लागत, सुरक्षा और असर पर विचार करते हुए दवाओं के तर्कसंगत उपयोग को बढ़ावा देना है।उन्होंने कहा कि एनएलईएम एक गतिशील दस्तावेज है और बदलती लोक स्वास्थ्य प्राथमिकताओं के साथ-साथ दवा क्षेत्र में ज्ञान में प्रगति को देखते हुए इसे नियमित आधार पर संशोधित किया जाता है। एनएलईएम 1996 में बनाई गई थी और इसे पूर्व में 2003, 2011 और 2015 में तीन बार संशोधित किया गया था।