Charles Sobhraj Release : जुर्म की दुनिया में ‘बिकनी किलर’ और ‘सीरियल किलर’ के नाम से मशूहर हतचंद भाओनानी गुरुमुख चार्ल्स शोभराज (Charles Sobhraj) को नेपाल के सुप्रीम कोर्ट ने रिहा करने का आदेश दिया है। शोभराज जैसे कुख्यात अपराधी पर 20 से अधिक हत्याओं का आरोप है, जो वेश बदलने और जेल से फरार होने में माहिर है। आइए जानते है कि चार्ल्स शोभराज कैसे बिकनी किलर के नाम से फेमस हुआ और इतने खतरनाक अपराधी को नेपाल सुप्रीम कोर्ट क्यों रिहा कर रहा है?
बता दें कि चार्ल्स शोभराज को उसकी सेहत के आधार पर रिहा करने का आदेश दिया गया है। शोभराज हत्या के आरोप में वर्ष 2003 से 19 साल जेल की सजा काट रहा है। उच्चतम न्यायालय के सूत्रों के अनुसार न्यायमूर्ति सपना प्रधान मल्ला और न्यायमूर्ति तिलक प्रसाद श्रेष्ठ की संयुक्त पीठ ने 78 वर्षीय शोभराज को जेल से रिहा करने का फैसला सुनाया।

अच्छे आचरण के आधार पर की रिहाई की सिफारिश
चार्ल्स शोभराज की रिहाई की तस्दीक करने वाला नेपाली सुप्रीम कोर्ट का आदेश देश के उस कानून पर आधारित है जो कहता है कि अगर कैदी ने अपनी सजा की 75 फीसदी अवधि जेल में पूरी कर ली है और कैद में उसका आचरण अच्छा रहा है तो उसे रिहा किया जा सकता है। शोभराज ने अपनी याचिका में दावा किया कि वह नेपाल के वरिष्ठ नागरिकों को दी जाने वाली ‘छूट’ के अनुरूप अपनी जेल की सजा पूरी कर चुका है। उसने दावा किया कि वह 20 में से 17 साल की सजा पूरी कर चुका है और अपने ‘अच्छे आचरण’ के आधार पर उसने रिहाई की सिफारिश की।
चार्ल्स के माता-पिता भारतीय मूल के थे
वियतनाम मूल के चार्ल्स शोभराज का जन्म 1944 में वियतनाम के Ho Chi Minh शहर में हुआ था। उसकी मां वियतनाम की और पिता भारतीय मूल के थे। चार्ल्स की जिंदगी के कुछ साल एशिया और फ्रांस में गुजरे। शोभराज की मां वियतनाम से थी और पिता एक सिंधी। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो चार्ल्स के मां-बाप ने शादी नहीं की थी। चार्ल्स की मां वियतनाम में तैनात फ्रांस के एक फौजी लेफ्टिनेंट से मिली. फौजी ने उन दोनों को अपनाया और इस तरह चार्ल्स को फ्रांस की नागरिकता मिली।

कई भाषाएं बोलने और वेश बदलने में माहिर
बता दें कि शोभराज कई भाषाएं बोलने और वेश बदलने में माहिर था। माना जाता है कि 1970 के दशक में उसने 15 से 20 लोगों को मारा। उसके ज्यादातर शिकार एशिया में पश्चिमी टूरिस्ट थे। छह महिलाओं को ड्रग्स देने और उनकी हत्या करने के आरोप में 70 के दशक के मध्य में शोभराज के खिलाफ थाईलैंड ने वारंट जारी किया था। पटाया बीच पर मारी गई इन सभी लड़कियों ने बिकिनी पहन रखी थी। माना जाता है कि थाईलैंड में उन पर आरोप लगभग तय थे और उन्हें मौत की सजा सुनाई जा सकती थी, लेकिन इससे बचने के लिए ही वह 1986 में जानबूझकर तिहाड़ से भागे थे, जिससे उन पर जेल से फरार होने के लिए अभियोग चलाया जाए।
फिल्मी अंदाज में जेल से हुआ फरार
शोभराज भारत में 21 साल जेल की सजा काट चुका है। 1971 में वह बीमारी का बहाना करके जेल से अस्पताल गया और वहां से फरार हो गया। 1976 में उसे दोबारा पुलिस के हाथ लगा लेकिन 1986 में वह एक बार फिर ‘फिल्मी अंदाज’ में जेल से भागने में सफल रहा। साल 1986 में शोभराज ने जेल में बर्थडे पार्टी रखी और गार्ड्स को अंगूर और बिस्किट बांटे गए जिसमें नींद की दवा मिली हुई थी। कुछ ही देर में सभी बेहोश हो गए और शोभराज अपने साथियों के साथ जेल से भागने में कामयाब हो गया।
ऐसे हुआ ‘बिकिनी किलर’ के नाम से फेमस
अगस्त 2003 में शोभराज को काठमांडू के एक कैसिनो से गिरफ्तार किया गया था। भक्तपुर की जिला अदालत ने वर्ष 1975 में एक कनाडाई नागरिक लौरेंट कैरिएरे और एक अमेरिकी नागरिक कोनी जो ब्रोंजिच की हत्या के लिए उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। हत्या के आरोप में मुकदमा चलाए जाने के बाद उसे उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी। शोभराज कई विदेशी पर्यटकों की हत्या में शामिल था जिनमें ज्यादातर महिलाएं थीं। उसके कई शिकार बिकिनी पहनी महिलाएं थीं इसलिए उसे ‘बिकिनी किलर’ के नाम से भी जाना जाता है।
देश-विदेश की ताजा खबरें पढ़ने और अपडेट रहने के लिए आप हमें Facebook Instagram Twitter YouTube पर फॉलो व सब्सक्राइब करें