Beating Retreat Ceremony 2023 : देश के 74वें गणतंत्र दिवस का समारोह अभी पूरी तरह से खत्म नहीं हुआ है। आज 29 जनवरी की शाम बीटिंग द रिट्रीट सेरेमनी (Beating retreat Ceremony 2023) के आयोजन के साथ गणतंत्र दिवस 2023 समारोह का समापन हो जाएगा। दिल्ली के विजय चौक पर आयोजित होने वाला यह ‘बीटिंग द रिट्रीट’ समारोह कई मायनों में बेहद खास होगा। इस समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, पीएम मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह समेत कई गणमान्य लोग शामिल होंगे। तो आइए जानते है इस साल Beating Retreat Ceremony’ में क्या खास होने वाला है।
सबसे बड़े ड्रोन शो का आयोजन
इस साल का ‘बीटिंग द रिट्रीट’ समारोह देश के सबसे बड़े ड्रोन शो का गवाह बनेगा, इस शो में 3,500 स्वदेशी ड्रोन शामिल होंगे। जो दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर देंगे। इस शानदार ड्रोन शो रायसीना पहाड़ियों पर शाम के आसमान को रोशन करेगा। यह ड्रोन शो स्टार्टअप इकोसिस्टम की सफलता, देश के युवाओं के तकनीकी कौशल को दर्शाएगा और भविष्य के पथ-प्रदर्शक रुझानों का मार्ग प्रशस्त करेगा। इस कार्यक्रम का आयोजन मैसर्स बोटलैब्स डायनेमिक्स द्वारा किया जाएगा। बता दें कि ड्रोन को लेकर पीएम मोदी काफी संजीदा हैं. उनका मानना है कि आने वाला समय ड्रोन युग होने वाला है।

एनामॉर्फिक प्रोजेक्शन
बीटिंग रिट्रीट समारोह 2023 के दौरान नॉर्थ और साउथ ब्लॉक के अग्रभाग पर पहली बार 3-डी एनामॉर्फिक प्रोजेक्शन का आयोजन किया जाएगा। ये इस समारोह को और भी खास बना देगा।
सेरेमनी में 29 धुनों को बजाया जाएगा
इसके अलवा भारतीय शास्त्रीय रागों पर आधारित भारतीय धुनें इस वर्ष ‘बीटिंग द रिट्रीट’ समारोह में चार चांद लगा देंगी। रक्षा मंत्रालय के अनुसार, सेना के तीनों अंग और राज्य पुलिस व CAPF के संगीत बैंड द्वारा ‘के संगीत बैंड द्वारा 29 मनोरम और पैर थिरकने वाली भारतीय धुनें भी बजाई जाएंगी।
‘अग्निवीर’ धुन के साथ होगी शुरुआत
‘बीटिंग द रिट्रीट’ समारोह की शुरुआत सामूहिक बैंड की ‘अग्निवीर’ धुन के साथ होगी। इसके बाद पाइप्स और ड्रम बैंड द्वारा ‘अल्मोड़ा’, ‘केदारनाथ’, ‘संगम दूर’, ‘सतपुड़ा की रानी’, ‘भागीरथी’, ‘कोंकण सुंदरी’ जैसी मोहक धुनें सुनाई जाएंगी। भारतीय वायु सेना के बैंड ‘अपराजेय अर्जुन’, ‘चरखा’, ‘वायु शक्ति’, ‘स्वदेशी’ की धुन बजाएंगे, जबकि भारतीय नौसेना ‘एकला चलो रे’, ‘हम तैयार हैं’ और ‘जय भारती’ की धुनें प्रदर्शित करेगी।

‘सारे जहां से अच्छा’ की धुन से होगा समापन
भारतीय सेना का बैंड ‘शंखनाद’, ‘शेर-ए-जवान’, ‘भूपाल’, ‘अग्रणी भारत’, ‘यंग इंडिया’, ‘कदम कदम बढ़ाए जा’, ‘ड्रमर्स कॉल’ और ‘ऐ मेरे वतन के लोगों ‘ बजाएगा। ‘बीटिंग द रिट्रीट’ कार्यक्रम का समापन ‘सारे जहां से अच्छा’ की सदाबहार धुन के साथ होगा। हर साल 29 जनवरी को विजय चौक पर ‘बीटिंग द रिट्रीट’ समारोह चार दिवसीय गणतंत्र दिवस समारोह की परिणति का प्रतीक है। जब रंगों और मानकों की परेड की जाती है तो यह राष्ट्रीय गौरव की घटना के रूप में उभरा है।
क्यों और क्या होती है ‘बीटिंग द रिट्रीट’ सेरेमनी
दरअसल, ‘बीटिंग द रिट्रीट’ सेना के बैरक वापसी का प्रतीक है। भारत में बीटिंग रिट्रीट की शुरुआत 1950 के दशक में हुई थी तब भारतीय भारतीय सेना के मेजर रॉबर्ट्स ने बड़े पैमाने पर बैंड द्वारा प्रदर्शन के अनूठे समारोह को स्वदेशी रूप से विकसित किया। समारोह में राष्ट्रपति बतौर चीफ गेस्ट शामिल होते हैं। दुनिया भर में बीटिंग रिट्रीट की परंपरा रही है। लड़ाई के दौरान सेनाएं सूर्यास्त होने पर हथियार रख कर अपने कैंप में जाती थीं, तब एक संगीत में समारोह होता था, इसे बीटिंग रिट्रीट कहा जाता है।

विजय चौक पर राष्ट्रपति के आते ही उन्हें नेशनल सेल्यूट दिया जाता है। इसी दौरान राष्ट्रगान जन गण मन होता है। तिरंगा फहराया जाता है। थल सेना, वायु सेना और नौसेना, तीनों के बैंड मिलकर पारंपरिक धुन के साथ मार्च करते हैं। बैंड वादन के बाद रिट्रीट का बिगुल वादन होता है। इस दौरान बैंड मास्टर राष्ट्रपति के पास जाते हैं और बैंड वापस ले जाने की परमिशन मांगते हैं। इसका मतलब ये होता है कि 26 जनवरी का समारोह पूरा हो गया है और बैंड मार्च वापस जाते समय लोकप्रिय धुन ‘सारे जहां से अच्छा’ बजाते हैं।
दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने भी जारी की एडवाइजरी
‘बीटिंग द रिट्रीट’ समारोह 29 जनवरी को दिल्ली के विजय चौक पर मनाया जायगा। इसको देखते हुए दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने बीटिंग रिट्रीट ट्रैफिक एडवाइजरी की है। बीटिंग द रिट्रीट की वजह से यातायात व्यवस्था में काफी फेरबदल रहेगी। इस एडवाइजरी के अनुसार, रविवार को दोपहर 2 बजे से रात 9.30 बजे तक यातायात प्रतिबंधों की आवाजाही लागू हो जाएगी और विजय चौक यातायात के लिए बंद रहेगा।