विधानसभा (UP Assembly) में सीटिंग अरेंजमेंट को लेकर एक बार फिर चाचा-भतीजा ने विधानसभा अध्यक्ष को एक पत्र लिखकर अपनी सीट अलग करने की मांग की। बता दें कि सबसे पहले शिवपाल यादव (Shivpal Yadav) ने यह पत्र लिखकर यह मांग उठाई थी। उसके बाद अब अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने विधानसभा अध्यक्ष को पत्र लिखकर यह मांग की है कि शिवपाल यादव को अलग सीट दी जाए क्योंकि वह प्रसपा के अध्यक्ष हैं।
अखिलेश पत्र में कही ये बात
दरअसल, अखिलेश यादव ने विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना को पत्र लिखकर विधायक शिवपाल सिंह यादव के लिए विधानसभा में अग्रिम पंक्ति की सीट आरक्षित करने का अनुरोध किया है> शिवपाल यादव भी यही चाहते हैं। पिछले विधानसभा सत्र में उन्होंने अपना यह दर्द भी मीडिया के सामने उजागर कर दिया था। अब चाचा शिवपाल की इसी मांग का समर्थन करते हुए यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने भी पत्र लिखकर अनुरोध किया है कि विधानसभा में शिवपाल यादव को बैठने के लिये पहली पंक्ति में जगह दी जाए।
शिवपाल की मांग कर दी गई थी अस्वीकार
अखिलेश यादव ने विधानसभा अध्यक्ष के नाम पत्र में मांग की है कि शिवपाल यादव (Shivpal Yadav) को विधानसभा में दूसरी पंक्ति के बजाय अगली पंक्ति में बैठने के लिए सीट दी जाए क्योंकि वह प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष हैं। इससे पहले मई महीने में खुद शिवपाल यादव ने विधानसभा अध्यक्ष को पत्र लिखा था। जब अखिलेश यादव ने शिवपाल यादव को वरिष्ठता के हिसाब से पहली पंक्ति की बजाय दूसरी पंक्ति में सीट अलॉट कर दी थी लेकिन तब शिवपाल यादव की ये मांग इसलिए अस्वीकार कर दी गई थी क्योंकि वह तकनीकी रूप से समाजवादी पार्टी के विधायक हैं।
चाचा से इसलिए दूर बैठना चाहते हैं अखिलेश
बता दें कि, पिछले सत्र में शिवपाल यादव सपा विधायकों के बीच बैठकर सरकार की तारीफ कर रहे थे और पार्टी के मुखिया के साथ-साथ विधायकों के लिए भी विधानसभा में असहज स्थिति उत्पन्न हो गई थी और इस बार सत्र शुरू होने से पहले सपा ऐसी किसी भी स्थिति से बचना चाहती है। हालांकि अखिलेश जो आधार बता रहे हैं उसके आधार पर सीट मिलना संभव नहीं है क्योंकि शिवपाल यादव सपा विधायक हैं और ऐसे में यह तभी संभव है जब सपा यह लिखकर दे कि पार्टी के किसी सीनियर नेता जिन्हें आगे की सीट मिली है, उनकी सीट को शिवपाल यादव से बदला जाए।
बता दें कि शिवपाल सिंह यादव और उनके भतीजे अखिलेश यादव के बीच अनबन चल रही है। दोनों में दूरियां अब किसी से छुपी नहीं हैं। बीते दिनों चाचा शिवपाल ने भतीजे अखिलेश यादव पर पार्टी के पुराने नेताओं की अनदेखी का आरोप लगाया था। इतना ही नहीं विधानसभा चुनाव 2022 में समाजवादी पार्टी के संचालन के लिए भी वह सार्वजनिक रूप से अखिलेश यादव की कभी नाम लेकर तो कभी बिना नाम लिए आलोचना कर चुके हैं. उन्होंने अपने आरोप में कहा था कि पार्टी में पुराने सपा नेताओं को उचित सम्मान नहीं दिया जा रहा है।