Delhi Ramlila : कोरोना काल के दो साल बाद एक बार फिर से दिल्ली में दशहरा के दौरान रामलीला का मंचन भव्य तरीके से हो रहा है। इसे लेकर दिल्लीवासियों में काफी उत्साह है। वहीं इस बार की Ramlila में दर्शकों के लिए प्रभु श्रीराम और रावण का पात्र काफी आकर्षण का केंद्र बना हुआ हैं, क्योंकि यह किरादार पिता-पुत्र की जोड़ी मिलकर निभा रहें है। जो काफी दिलचस्प है और साथ ही इस बार की रामलीला को काफी अलग भी बना रही है। बता दें कि रावण का पात्र जाने-माने अभिनेता पुनीत इस्सर और भगवान राम की भूमिका उनके बेटे अभिनेता सिद्धांत इस्सर निभा रहें है।
ये जाने माने फिल्मी कलाकार भी निभा रहे रोल
वहीं अभिनेता और भाजपा सांसद मनोज तिवारी अंगद, शूर्पणखा के रूप में पायल रोहतगी, हनुमान जी का पात्र वीर वीरेंद्र सिंह घुमन, विश्वामित्र के रूप में पंकज बेरी और कुंभकरण की भूमिका रजत रवैल का रोल प्ले कर रहे है।
50 हजार से ज्यादा लोग होते है एकत्रित
अपने किरादार को लेकर अभिनेता पुनीत इस्सर ने कहा “राम लीला का हिस्सा बनने की मेरी शुरुआत पांच साल पहले, तब हुई थी जब मैंने पहली बार दिल्ली स्थित लाल किला में हुई राम लीला में रावण का रोल प्ले किया था। वहां पर उस वक्त प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद भी दर्शकों के बीच उपस्थित थे। तभी से राम लीला में अभिनय का सिलसिला चला आ रहा है। उन्होंने आगे बताया कि कोरोना के चलते पिछले दो साल तक हम रामलीला का मंचन नहीं कर पा रहे थे, मगर अब यह सिलसिला एक बार फिर शुरू हो गया है। राम लीला को प्रत्यक्ष तौर पर देखने में लोगों की गहरी आस्था रही है। ऐसे में हर बार 50,000 से ज़्यादा लोग रामलीला को देखने के लिए एकत्रित होते हैं।”
वण के रोल के लिए बिल्कुल फ़िट
अभिनेता ने आगे बताया कि मेरी कद्दावर शख़्सियत और मेरे परफॉर्मेंस को देखकर लोग मुझे अक्सर कहते हैं कि मैं रावण के रोल के लिए बिल्कुल फ़िट हूं। जब वो मेरे बेटे सिद्धांत को देखते हैं तो वो उसे लेकर कहते हैं कि वो बिल्कुल की राम की तरह लगते हैं। उन्होंने कहा कि वैसे सिद्धांत की ग्रीक गॉड जैसी शख़्सियत भगवान विष्णु से भी मेल खाती है।”
रामलीला हमारी संस्कृति का अटूट हिस्सा
अभिनेता और निर्देशक सिद्धांत इस्सर कहते हैं कि “मुझे सबसे पहली बार ‘राम और वैष्णवी’ नामक वेब शो में भगवान राम का रोल निभाने का मौका मिला था जिसे स्वर्गीय रामानंद सागर के बेटे प्रेम सागर और उनके पोते शिव सागर ने मिलकर निर्मित किया था। वाल्मिकी की रामायण में किये गये वर्णन के मुताबिक मेरे चेहरे की बनावट और मज़बूत कंधों होने के चलते मुझे भगवान राम के किरदार के लिए चुना गया था। उन्होंने कहा कि रामलीला हमारी संस्कृति का अटूट हिस्सा है और यह हमारी सनातनी परंपरा भी है। मुझे लगता है कि भगवान विष्णु ने मुझे भगवान राम का रोल निभाने के लिए चुना है ताकि मैं आनेवाली पीढ़ी के सामने एक बढ़िया मिसाल पेश कर सकूं।
उन्होंने आगे का कि “मुझपर भगवान राम और भगवान विष्णु दोनों का आशीर्वाद रहा है और यही वजह है कि मुझे पिछले एक साल से राम लीला में राम का किरदार निभाने का मौका मिल रहा है।
27 सालों से हो रहा रामलीला का मंचन
बता दें कि यह ऐतिहासिक रामलीला दिल्ली में नव श्री मानव धर्म राम लीला समिति, डेरावल नगर, मॉडल टाउन में आयोजित की जा रही है। जिसके चेयरमैन अखिल सिंघल हैं तो वहीं इसके अध्यक्ष विकेश सेठी हैं। आयोजकों के अनुसार यह रामलीला 27 साल पुरानी है। लेकिन आजकल हमारे युवा रामलीला जैसे पौराणिक कार्यक्रमों के अलावा वेब सीरीज में ज्यादा रुचि रखते हैं। इसलिए उन्होंने युवाओं को आकर्षित करने और उन्हें हमारी परंपरा और संस्कृति से अवगत कराने के लिए प्रसिद्ध हस्तियों को लाने का फैसला किया।