Tuesday, December 3, 2024
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Beating Retreat 2024 : हर साल गणतंत्र दिवस के बाद ही क्यों होती है बीटिंग द रिट्रीट सेरेमनी, जानिए इस बार क्या होगा खास?

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Beating Retreat Ceremony 2024 : देश के 75वें गणतंत्र दिवस का समारोह अभी पूरी तरह से खत्म नहीं हुआ है। 29 जनवरी की शाम बीटिंग द रिट्रीट सेरेमनी के आयोजन के साथ गणतंत्र दिवस 2024 समारोह (Republic Day 2024) का समापन होगा। दिल्ली के विजय चौक पर आयोजित होने वाला यह ‘बीटिंग द रिट्रीट’ समारोह कई मायनों में बेहद खास होता है। इस कार्यक्रम में थल सेना, वायुसेना और नौसेना का बैंड ट्रेडिशनल बीट के साथ मार्च करते हैं और राष्ट्रपति को नेशनल सैल्यूट दिया जाता है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि हर साल गणतंत्र दिवस के बाद बीटिंग रिट्रीट सेरेमनी (Beating Retreat 2024) क्यों मनाई जाती है? शायद आप में से बहुत से लोगों को इसकी जानकारी न हो, तो आइए जानते है इसके बारे में साथ ही ये भी कि इस साल बीटिंग रिट्रीट सेरेमनी में क्या-क्या खास होने वाला है।

Beating Retreat 2024 : बीटिंग द रिट्रीट सेरेमनी का इतिहास

बीटिंग द रिट्रीट की शुरुआत 17वीं शताब्दी में इंग्लैंड से हुई थी। तब इंग्लैंड के किंग जेम्स सेंकड ने अपने सैनिकों को ड्रम बजाने, झंडे डाउन करने और जंग खत्म होने के बाद की घोषणा करने के लिए एक परेड आयोजित करने का आदेश दिया था। उस समय इस सेरेमनी को ‘वॉच सेटिंग’ कहा जाता था।

भारत में कब से शुरु हुई बीटिंग रीट्रीट सेरेमनी

भारत में बीटिंग रिट्रीट (Beating Retreat 2024) की शुरुआत 1950 के दशक में हुई थी। तब भारतीय सेना के मेजर रॉबर्ट्स ने बड़े पैमाने पर बैंड द्वारा प्रदर्शन के अनूठे समारोह को स्वदेशी रूप से विकसित किया था, जिसमें राष्ट्रपति मुख्य अतिथि और उनके साथ ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ द्वितीय और उनके पति प्रिंस फिलिप देश की आजादी के बाद पहली भारत यात्रा के दौरान अथिति के तौर पर शामिल हुए थे। तभी से यह परंपरा गणतंत्र दिवस समारोह का हिस्सा बन गई।

जानें क्या होती है ‘बीटिंग द रिट्रीट’ सेरेमनी

दरअसल, ‘बीटिंग द रिट्रीट’ सेना के बैरक वापसी का प्रतीक होता है। समारोह में राष्ट्रपति बतौर चीफ गेस्ट शामिल होते हैं। दुनिया भर में बीटिंग रिट्रीट की परंपरा रही है। लड़ाई के दौरान सेनाएं सूर्यास्त होने पर हथियार रख कर अपने कैंप में जाती थीं, तब एक संगीत में समारोह होता था, इसे बीटिंग रिट्रीट कहा जाता है।

विजय चौक पर राष्ट्रपति के आते ही उन्हें नेशनल सेल्यूट दिया जाता है। इसी दौरान राष्ट्रगान जन गण मन होता है। तिरंगा फहराया जाता है। थल सेना, वायु सेना और नौसेना, तीनों के बैंड मिलकर पारंपरिक धुन के साथ मार्च करते हैं। बैंड वादन के बाद रिट्रीट का बिगुल वादन होता है। इस दौरान बैंड मास्टर राष्ट्रपति के पास जाते हैं और बैंड वापस ले जाने की परमिशन मांगते हैं। इसका मतलब ये होता है कि 26 जनवरी का समारोह पूरा हो गया है और बैंड मार्च वापस जाते समय लोकप्रिय धुन ‘सारे जहां से अच्छा’ बजाते हैं।

इस बार कैसे होगी सेरेमनी

इस वर्ष बीटिंग द रिट्रीट समारोह (Beating Retreat 2024) का एक प्रमुख आकर्षण शास्त्रीय रागों से प्रेरित 29 धुनों की भव्य धूमधाम होगी। इस साल के समारोह में अब तक के सबसे बड़े ड्रोन शो में से एक का भी प्रदर्शन किया जाएगा, जिसमें 3,500 स्वदेशी ड्रोन रायसीना हिल्स के आसमान को रोशन करेंगे।

29 जनवरी को कैसे देखें समारोह का लाइव प्रसारण?

जो लोग समारोह में शामिल नहीं हो पाएंगे या कार्यक्रम को ऑनलाइन देखने की योजना बना रहे हैं, वे दूरदर्शन राष्ट्रीय यूट्यूब चैनल पर जा सकते हैं या डीडी न्यूज पर कार्यक्रम देख सकते हैं।

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