महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और शिवसेना चीफ उद्धव ठाकरे इस्तीफा देने के बाद शुक्रवार को पहली बार मीडिया के सामने आए। इस दौरान उद्धव ठाकरे ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए कहा कि, सत्ता के लिए रातोंरात खेल किया जा रहा है। ये जो कहा जा रहा है कि सीएम शिवसेना का है, वो गलत है। शिंदे शिवसेना के सीएम नहीं हैं। उन्होंने कहा, हर मतदाता को अधिकार होना चाहिए कि जिसे वो वोट दे रहा है उसे वापस बुला सके। सभी ने देखा कि मेरी पीठ पर किस तरह से खंजर घोंपा गया। अगर भाजपा ने मुझे दिया गया वचन पूरा किया होता तो कम से कम ढ़ाई साल तक तो उनका अपना मुख्यमंत्री रहता। महाराष्ट्र में सब कुछ पहले से तय था।
उन्होंने आगे कहा कि मैं महाराष्ट्र की जनता का आभारी हूं। मैं वचन देना चाहता हूं कि मैं कभी भी सत्ता के लिए गद्दारी नहीं करूंगा। सत्ता आती है, जाती है। मुंबई के लोगों से अपील करते हुए कहा कि, ऐसा कोई काम नहीं करें जो पर्यावरण को खराब करता हो।
मेरे दिल से कोई भी महाराष्ट्र को नहीं निकाल सकता
उद्धव ठाकरे ने कहा कि, मेरे दिल से कोई भी महाराष्ट्र को नहीं निकाल सकता है। उन्होंने कहा कि, लोकतंत्र के चार स्तंभ हैं. लेकिन अगर इन पर लोगों का भरोसा नहीं रहा तो क्या होगा। उद्धव ठाकरे ने इस दौरान नई सरकार को बधाई भी दी. लेकिन साथ में ये भी कहा कि, महाराष्ट्र को बर्बाद ना करें.
‘बात मान लेते तो नहीं होता MVA का जन्म’
अपनी इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में उद्धव ने कहा कि, मेरा गुस्सा मुंबई के लोगों पर मत निकालो। मेट्रो शेड के प्रस्ताव में बदलाव न करें। मुंबई के पर्यावरण के साथ खिलवाड़ न करें। उन्होने कहा कि, ये जो कल हुआ, मैं पहले ही अमित शाह से कह रहा था कि 2.5 साल शिवसेना का मुख्यमंत्री हो और वही हुआ। पहले ही अगर ऐसा करते तो महा विकास अघाडी का जन्म ही नहीं होता। जिस तरह से सरकार बनी है और एक तथाकथित शिवसेना कार्यकर्ता को मुख्यमंत्री बनाया गया है, मैंने अमित शाह से यही कहा था। ये सम्मानपूर्वक किया जा सकता था, शिवसेना आधिकारिक तौर पर (उस समय) आपके साथ थी, लेकिन यह मुख्यमंत्री (एकनाथ शिंदे) शिवसेना के नहीं हैं।