उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के हसनगंज रोड स्थित एक चार मंजिला बिल्डिंग मंगलवार को धराशायी हो गई। मलबे से 12 लोगों को निकालकर अस्पताल भेजा गया था, वहीं 30-40 लोगों के मलबे में दबे होने की आशंका जताई जा रही थी। इस घटना में तीन लोगों के मौत की खबर सामने आई थी, लेकिन डीजीपी डीएस चौहान ने रात 10.30 बजे इस बात का खंडन करते हुए कहा कि इस हादसे में कोई कैजुअल्टी नहीं हुई है।
बताया जा रहा है कि बिल्डिंग के अंदर बेसमेंट की खुदाई चल रही थी, जिसकी वजह से यह हादसा हुआ है। कुछ लोगों का यह भी कहना है कि भूकंप की वजह से बिल्डिंग में दरार आ गई थी, लेकिन हादसा हुआ किस वजह से अभी यह साफ नहीं है।
वहीं हादसे पर रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने दुख जताया है। उन्होंने ट्वीट करके लिखा- जिन्होंने अपनों को खोया है, उनके प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं। राज्य के उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने कहा- 4 गंभीर लोग ट्रामा में हैं। बच्चे समेत पांच लोग सिविल अस्पताल में भर्ती हैं। राहत और बचाव के लिए एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम जुटी हुई है। एनडीआरएफ, फायर ब्रिगेड के लोग मौके पर मौजूद हैं और रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है।
वहीं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी ने मामले का संज्ञान लेते हुए एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमों को घटनास्थल पर रवाना होने का निर्देश दिया था। सीएम ने आदेश दिया कि दुर्घटना में घायल लोगों का समुचित इलाज कराया जाए और राहत एवं बचाव कार्य में तेजी लाई जाए। इसके अलावा आला अधिकारी भी घटनास्थल पर मौजूद हैं।