Friday, May 10, 2024
spot_img
HomeFacts of IndiaChaitra Navratri 2024 : विंध्य पहाड़ी पर ब्रह्माण्ड का एकमात्र ऐसा स्थान,...

Chaitra Navratri 2024 : विंध्य पहाड़ी पर ब्रह्माण्ड का एकमात्र ऐसा स्थान, जहां एक साथ विराजती है तीन देवियां

spot_img
spot_img

Chaitra Navratri 2024 : इन दिनों पूरे देश में चैत्र नवरात्रि (Chaitra Navratri 2024) का पावन पर्व मनाया जा रहा है। देशभर में स्थित देवी के सभी मंदिरों में माता के भक्त उनके दर्शन को पहुंच रहें है। सभी भक्तों शक्ति की भक्ति में लीन है। वैसे तो पूरे भारत (India) में मां दुर्गा के कई मंदिर है, जो काफी अद्धभुत है। लेकिन आज हम आपको देवी के एक ऐसे चमत्कारिक मंदिर के बारे में बताने जा रहे है, जहां एक साथ तीन महाशक्तियां विराजित है। नवरात्रि के दौरान यहां मां के दर्शन को भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है। मान्यता है कि यह ब्रह्माण्ड में इकलौता स्थान है, जहां पर तीनों देवियां एक साथ अपने भक्तों का कल्याण करती हैं और जो भी भक्त देवी के दर्शन को पहुंचता है उसकी सारी मनोकामनाएं पूरी होती है। तो चलिए जानते है इस मंदिर के बारे में…

यहां स्थित है ये मंदिर

हम जिस मंदिर की बात कर रहे है वह उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर जिले में स्थित है। यह मंदिर विंध्य पर्वत पर स्थित है। बता दें कि यह देश के 51 शक्तिपीठों में से एक है, इसे विंध्याचल धाम कहते है। यहां एक साथ तीन महाशक्तियां महाकाली, महालक्ष्मी और महासरस्वती विराजमान हैं। ये तीनों देवियां ईशान कोण पर विराजती हैं, जिसे त्रिकोण भी कहा जाता है। बता दें कि करीब 12 किलोमीटर क्षेत्र में फैले इस त्रिकोण की पैदल यात्रा करने से माता अपने भक्तों की मनोकामनाएं पूरी करती है।

यह भी पढ़ें- भारत का एक ऐसा चमत्कारिक मंदिर, जहां देवी की मूर्ति दिन में तीन बार बदलती है अपना स्वरूप

एक साथ तीनों शक्तियां कर रही जगत का कल्याण

विंध्य पर्वत पर तीनों शक्तियां एक साथ बैठकर जगत का कल्याण कर रही हैं, जिससे यहां का महत्व अन्य जगहों से ज्यादा है। यहां महाकाली के रूप में काली खोह, महालक्ष्मी के रूप में विंध्यवासिनी, महासरस्वती के रूप में मां अष्टभुजा विराजमान हैं।कहते हैं कि एक महाशक्ति का दर्शन करने से कई जन्मों के पाप दूर हो जाते हैं।

घर होने की मनोकामना होती है पूरी

ऐसी मान्यता है की कालांतर में सभी देवी देवताओं ने भी त्रिकोण की परिक्रमा की थी। त्रिकोण मार्ग पर पड़े पत्थरों को उठाकर लोग प्रतीक स्वरूप एक घर बनाते हैं। ऐसा कहा जाता है कि जो भी भक्त तीन बार आकर घर का निर्माण करता है, उसकी घर की मनोकामना जरूर पूरी होती है।

नंगे पाव त्रिकोण यात्रा से हर इच्छा होती है पूरी

मंदिर के पुजारी पंडित राजेश के अनुसार जो भी भक्त पूरी श्रद्धा के साथ इस त्रिकोण की परिक्रमा करते है, उसे अनेक फल प्राप्त होते हैं। ऐसी मान्यता है की जो लोग दुर्गा शप्तशती और देवी भगवत कथा का पाठ नहीं कर पाते उनको त्रिकोण की परिक्रमा करने से उसी के सामान फल मिलता है।

spot_img
RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -spot_img

Most Popular

spot_img

Recent Comments

Ankita Yadav on Kavya Rang : गजल