First Lady Spy Of India : आपने जेम्स बांड, ब्योमकेश बक्शी या फिर शेरलॉक होम्स जैसे कई बड़े डिटेक्टिव या जासूसों के नाम और उनके किस्सों के बारे में सुना ही होगा। जासूसी पर बनी कई फिल्में भी देखी होंगी, जिसमें आप ज्यादातर मेल कैरेक्टर को ही जासूस के रुप में देखते होंगे। लेकिन आज हम आपको एक ऐसी महिला जासूस के बारे में बताने जा रहें है, जो भारत की पहली महिला जासूस (First Lady Spy Of India) है, इनकी जिंदगी किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं है। इतना ही नहीं इन्हें राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से अवार्ड मिला है। आइए जानते है इनकी जिंदगी से जुड़े दिलचस्प किस्से….
First Lady Spy Of India : कौन हैं ये महिला जासूस
इस महिला जासूस का नाम है रजनी पंडित (Rajani Pandit) है, जो मुंबई की रहने वाली है। इन्हें अपने तेज दिमाग से उलझी हुई गुत्थियों को सुलझाते हुए डिटेक्टिव प्रोफेशन में 35 साल से ज्यादा समय हो चुका हैं। अपने अबतक के करियर के दौरान इन्होंने 75 हजार से ज्यादा केस सुलझाएं हैं। रजनी पंडित के पिता सीआईडी अधिकारी थे।
रजनी नहीं बनना चाहती थी जासूस
सीआईडी अधिकारी की बेटी रजनी पंडित के अनुसार, वह बचपन में जासूस नहीं बनना चाहती थीं। उन्होंने मुंबई में मराठी साहित्य में पढ़ाई की है। जब वह कॉलेज में ही थीं, इस दौरान उनकी दोस्ती कुछ लोगों से हो गई। अपने दोस्त के साथ उन्होंने सिगरेट और शराब पीना शुरू कर दिया था। यही नहीं, वह कुछ गलत लड़कों के साथ ज्यादा समय बिता रही थी। उन्होंने उस दोस्त से गिफ्ट भेजने की बात कहकर उसके ऑफिस का पता मांग लिया। इसके बाद उसके ऑफिस पहुंच गईं और उसके घर का पता निकाल लिया। फिर उसके घर पहुंचकर सबकुछ बता दिया। जब उसके घर वाले नहीं माने तो उन्हें सबकुछ दिखा दिया। इस पर उसके पिता ने कहा कि आप तो जासूस हो। बस यहीं से तय हो गया कि उन्हें भविष्य में क्या करना है।
जब खुद एक मामले में अरेस्ट हुईं रजनी पंडित
रजनी पंडित एक बार खुद भी मुश्किल में फंस गई थीं। दरअसल, उन्हें और उनके कुछ साथी जासूसों को ठाणे पुलिस ने गलत ढंग से कॉल डिटेल रिकॉर्ड हासिल करने के मामले में गिरफ्तार कर लिया था। रजनी पर पांच क्लाइंट के लिए सीडीआर हासिल करने और बेचने का आरोप लगाया गया था। ठाणे पुलिस ने जासूस समरेश झा को गिरफ्तार करने के बाद रजनी को उनके घर से गिरफ्तार कर लिया। दरअसल, समरेश ने पुलिस को बताया था कि वह रजनी के कहने पर ही सीडीआर हासिल कर मोटा पैसा बना लेता था। इसमें कुछ लोगों को नवी मुंबई से भी पकड़ा गया था।
एक इंटरव्यू और चल पड़ी रजनी की एजेंसी
उन्होंने 1991 में रजनी पंडित डिटेक्टिव सर्विसेस के नाम से अपनीप्राइवेट एजेंसी शुरू की थी। उनका काम ठीकठाक चल रहा था, लेकिन बाद में उन्होंने जब दूरदर्शन को एक इंटरव्यू दिया तो उसके बाद उनके पास काम भरमार हो गया। उस समय उनके पास लैंडलाइन भी नहीं था। बाद में उन्होंने लैंडलाइन लगवा लिया तो रात के दो-दो बजे तक उनके पास केसेस को लेकर कॉल्स आती रहती थीं। अब उनकी एजेंसी 20 से ज्यादा लोग काम करते हैं। उन्होंने अपनी एजेंसी को बुलंदियों तक पहुंचाया और इस तरह वो भारत की पहली महिला डिटेक्टिव बनी।
फर्स्ट लेडी डिटेक्टिव अवार्ड से सम्मानित
रजनी पंडित को देश के पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने फर्स्ट लेडी डिटेक्टिव अवार्ड से सम्मानित किया था. यह सम्मान उन्हें महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की ओर से दिया गया था। लेकिन, उन्होंने अपना पहला अवार्ड 1990 में मिला था, इसके बाद उन्हें कई बार इस तरह के अवार्ड मिल चुके थे।
देश-विदेश की ताजा खबरें पढ़ने और अपडेट रहने के लिए आप हमें Facebook Instagram Twitter YouTube पर फॉलो व सब्सक्राइब करें।
Join Our WhatsApp Group For Latest & Trending News & Interesting Facts