रिपोर्ट- अंकिता यादव
वाराणसी। सावन के पहले सोमवार पर चंद्रवंशी गोप सेवा समिति की ओर से होने वाले वार्षिकी जलाभिषेक को लेकर जल उठाने के मुद्दे पर प्रशासन और यदुवंशी समाज के बीच शनिवार को सहमति बन गई है। पुलिस प्रशासन और समिति के पदाधिकारियों की बीच हुई बैठक में यह सहमति बनी कि यदुवंशी समाज के लोग काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के अंदर से ही ललिता घाट जाएंगे। जिसके बाद वहां से जल लेकर यदुवंशी समाज वापस काशी विश्वनाथ धाम के रास्ते से बाहर निकलेंगे और भीमा संकर अतिथि गृह व चौक होते हुए जलाभिषेक यात्रा लकेर महामृत्युंजय के लिए रवाना होंगे।
चंद्रवंशी गोप सेवा समिति के प्रदेश अध्यक्ष लालजी यादव ने बताया कि सावन के पहले सोमवार पर कांवरियों की भारी भीड़ की संभावना को देखते हुए जिला प्रशासन ने यदुवंशी समाज से सिंधिया घाट पर जल लेने का प्रस्ताव रखा था, लेकिन समिति के पदाधिकारी परंपरा से किसी भी प्रकार का समझौता करने के लिए तैयार नहीं थे। काशी विश्वनाथ धाम बन जाने के बाद सरस्वती फाटक से ललिता घाट तक का मार्ग समाप्त हो गया है। ऐसे में नई व्यवस्था के तहत अब काशी के यदुवंशी सावन के पहले सोमवार 18 जुलाई को मानमंदिर घाट से जल लेकर डेढ़सीपुल, साक्षीविनायक, ढुंढिराज गणेश, अन्नपूर्णा मंदिर होते हुए काशी विश्वनाथ का जलाभिषेक करने के बाद विश्वनाथ धाम से ललिता घाट जाएंगे।
ललिता घाट से जल लेकर यदुवंशी समाज के लोग यात्रा के छठे पड़ाव महामृत्युंजय मंदिर की ओर रवाना होंगे। बता दें कि यदुवंशी समाज की वार्षिक कलश यात्रा केदार घाट के गौरी केदारेश्वर मंदिर, तिलभांडेश्वर महादेव, दशाश्वमेध स्थित शीतला मंदिर, आह्लादेश्वर महादेव, काशी विश्वनाथ, महामृत्युंजय, त्रिलोचन महादेव, ओमकारेश्वर महादेव अगर लाट भैरव का जलाभिषेक करने की परंपरा है।