बर्मिंघम में खेले जा रहे कॉमनवेल्थ गेम्स में पश्विम बंगाल के अंचिता शेउली (Achinta Sheuli) ने गोल्ड मेडल जीतकर पूरे भारत देश का नाम रोशन किया। 20 साल के अंचिता शेउली ने वेटलिफ्टिंग की 73 किलोग्राम कैटेगरी में भारत को गोल्ड मेडल दिलाया। गोल्ड मेडल जीतने के बाद अंचिता शेउली ने कहा कि उनकी मुकाबला किसी भी विरोधी खिलाड़ी से नहीं था। अंचिता का कहना है कि उनकी टक्कर सिर्फ खुद से थी।
मेरी टक्कर खुद से थी
अंचिता ने कहा, ”कॉमनवेल्थ गेम्स में मैं अपना बेस्ट देना चाहता था, मैं ऐसा करने में कामयाब रहा। मेरी टक्कर किसी और से थी ही नहीं. मेरा मुकाबला खुद से था. मलेशियन खिलाड़ी मुझे टक्कर दे सकता था. लेकिन मैंने तय कर लिया था कि मैं अपना बेस्ट देकर उसे मात दे दूंगा.”
बता दें कि गोल्ड मेडल अपने नाम करने के लिए अंचिता शेउली ने रिकॉर्ड 313 किलोग्राम वजन उठाया है। यह उनके नजदीकी प्रतिद्वंदी से 10 किलो ज्यादा भार था. स्पोर्ट्स तक को दिए इंटरव्यू में अंचिता ने कहा कि कोई भी विरोधी खिलाड़ी उनकी टक्कर में नहीं था।
ओलंपिक के लिए नहीं बदलेंगे कैटेगरी
अंचिता ने आगे कहा, ”मुझे अपने प्रदर्शन में सुधार करना था। क्लीन एंड जर्क की दूसरी कोशिश में मैं कामयाब नहीं रहा। लेकिन मैंने एक और प्रयास किया और वह सफल साबित हुआ। मैं अपने प्रदर्शन से बेहद खुश हूं।
अंचिता ने अपनी कामयाबी का श्रेय अपने बड़े भाई और कोच को दिया है। अंचिता का कहना है कि उन्हें इस मुकाम तक पहुंचाने के लिए उनके भाई को बहुत संघर्ष करना पड़ा है। अंचिता शेउली के बड़े भाई भी वेटलिफ्टर ही रहे हैं।
अंचिता की नज़र अब ओलंपिक खेलो में मेडल जीतने पर है। अंचिता ने साफ कर दिया है कि वो ओलंपिक के लिए अपनी कैटेगरी नहीं बदलेंगे और 73 किलोग्राम भारवर्ग में ही किस्मत आजमाएंगे।