भारत के लोग सबसे ज्यादा चाय पीने के शौकीन होते है, मौसम कोई भी हो लेकिन यहां चाय की तलब ऐसी है जो छूटे ना छूटती। यहां के हर गली मुहल्ले नुक्क्ड़ पर चाय मिलती है। यहां की रसोई चाय की खुश्बू के बिना अधूरी है। लेकिन क्या आप सोच सकते हैं कि चाय की कीमत इतनी अधिक हो कि आपको घर में इसके लिए तिजोरी बनवानी पड़े? जी हां, सुनकर थोड़ा अजीब लगा ना। दरअसल, दुनिया भर में अपनी खास चाय के लिए प्रसिद्ध असम में एक चाय की वैरायटी इतनी महंगी है कि इसकी कीमत में आप डेढ़ किलो चांदी भी खरीद सकते हैं। आइए जानते है कि ऐसा क्या खास है इस चाय में जो यह इतनी महंगी है…
बता दें कि दुर्लभ किस्म की यह जैविक चाय असम के गोलाघाट जिले में पैदा होती है। इस बेशकीमती चाय का नाम है पाभोजन गोल्ड टी। विगत 20 जून को सोमवार को जोरहाट के एक नीलामी केंद्र में इस पाभोजन चाय के लिए एक लाख रुपये प्रति किलोग्राम की दर से बोली लगी। भारतीय चाय कारोबार के इतिहास में यह सबसे अधिक कीमत है। बता दें कि इस चाय की सिर्फ 1 किलोग्राम पत्तियों का ही उत्पादन हुआ है।
ये है इस चाय की क्वालिटी
जोरहाट चाय नीलामी केन्द्र (जेटीएसी) के एक अधिकारी ने कहा कि पाभोजन ऑर्गेनिक टी एस्टेट द्वारा बेची गई चाय को असम स्थित चाय ब्रांड एसा टी ने खरीदा था। पभोजन गोल्ड टी एक स्वादिष्ट होने के साथ एक चमकदार पीला पेय है और इसे चाय के बागानों से चाय की दूसरी खेप के चुनिंदा उपरी पत्तों को तोड़कर बनाया जाता है। ये पत्तियां बाद में सुनहरे रंग की हो जाती हैं और पेय में एक बेहतरीन रंग आ जाता है।
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चाय के पारखियों के लिए है खास
पोभाजन चाय को इतने महंगे दाम पर खरीदने वाली कंपनी एसा टी के सीईओ, बिजित सरमा का कहना है कि चाय की यह किस्म उन्हें अपने ग्राहकों को, असम के बेहतरीन चाय ब्लेंड में से एक को उपलब्ध कराने में मदद करेगी। यह चाय की किस्म दुर्लभ है और ”चाय के पारखी लोगों के लिए, यह इस एक कप का एक अलग अनुभव है। हमारे ग्राहक दुनिया भर में फैले हुए हैं और वे इस किस्म के स्वाद और मूल्य को समझेंगे। हमें खुशी है कि हम उन्हें असली असम चाय के स्वाद प्रदान करने के अपने मिशन को जारी रखने में सक्षम हैं।’’
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