Varanasi : लखनऊ में गुरुवार को सीएम योगी की अध्यक्षता में प्रदेश सरकार की कैबिनेट बैठक हुई। इस बैठक में 22 बड़े प्रस्तावों पर मुहर लगाई गई। इनमें लॉ एंड ऑर्डर और पुलिसिंग के लिहाज से सबसे अहम यह रहा कि अब लखनऊ, कानपुर और वाराणसी में ग्रामीण पुलिस की व्यवस्था खत्म कर दी गई है। तीनों जिलों में पुलिस कमिश्नरेट सिस्टम का दायरा बढ़ा दिया गया है। अब इन जिलों के ग्रामीण इलाके के थानों में भी कमिश्नरनेट सिस्टम लागू कर दिया गया है। इसके तहत वाराणसी ग्रामीण के 12 थाने अब कमिश्नरेट सिस्टम में शामिल हो गए।
एकीकृत मंडल कार्यालय बनाने पर भी सहमति
इसके साथ ही, वाराणसी में प्रस्तावित एकीकृत मंडल स्तरीय कार्यालय भी बनाने पर सहमति बनी है। इसके लिए मंडलायुक्त कार्यालय की जमीन को आवास एवं शहर नियोजन विभाग को फ्री दी जाएगी, जिससे एकीकृत कार्यालय जल्द तैयार किया जा सके। पीपीपी मोड पर निर्माण कार्य होगा।
बैठक में कई अहम प्रस्तावों पर भी लिए गए फैसले
- एकीकृत मंडल स्तरीय कार्यालय से फायदा
- मंडल स्तरीय अधिकारियों का एकीकृत कार्यालय ऑडिटोरियम, वीडियो कांफ्रेंसिंग रूम, पार्किंग, पेपरलेस वर्किंग आदि अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस होगा। इसके बनने से जनता को काफी सुविधाएं होंगी। अपने काम के लिए उन्हें अलग-अलग दफ्तर के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे।
- अधिकारियों की आसानी से उपलब्धता रहेगी और उनकी जवाबदेही भी सुनिश्चित की जा सकेगी। विभिन्न कार्यालयों के बीच बेहतर समन्वय स्थापित हो सकेंगे तो वहीं आवागमन में होने वाले ईंधन और समय की बर्बादी भी कम की जा सकेगी।
- वाराणसी कमिश्नरेट में अब 30 थाने
- वाराणसी कमिश्नरेट में अब तक दो जोन (काशी और वरुणा) के अंतर्गत 6 सर्किल (कैंट, चेतगंज, कोतवाली, दशाश्वमेध, भेलूपुर और सारनाथ) के अंतर्गत 18 थाने कार्य कर रहे थे। पुनर्गठन के बाद अब इसमें ग्रामीण क्षेत्र के 12 थाने और जुड़ जाएंगे। इसके बाद अब वाराणसी कमिश्नरेट में कुल 30 थाने हो जाएंगे। सारनाथ स्थित एक पर्यटक थाना भी है।