वाराणसी। कई ऐसे कपल है जो माता-पिता बनने के सुख से वंचित है या किन्हीं कारणों से उन्हें पैरेंट्स बनने में मुश्किलों का सामना कर पड़ता है। ऐसे कपल के लिए आईवीएफ तकनीक से पैरंट बनने का भी रास्ता होता है, इसके लिए उन्हें स्पर्म डोनर (Sperm Donor) की जरूरत पड़ती है। अब वाराणसी में भी स्पर्म बैंक खुलने वाला है, जिससे ब्लड बैंक की तरह लोग स्पर्म डोनेट कर सकते हैं। जो महिलाएं मां नहीं बन सकतीं, वे इसकी मदद से मातृत्व का सुख प्राप्त कर सकती है।
शहर के प्राइवेट हॅास्पिटलों में विट्रो फर्टिलाइजेशन (आइवीएफ) की सुविधा उपलब्ध है, लेकिन काफी महंगी है। सरकारी अस्पतालों में यह सुविधा देने की कवायद शुरू कर दी गई है। नियमों के तहत स्पर्म डोनेट करने वाले का नाम-पता कानून व इंडियन काउंसिलग आफ मेडिकल रिसर्च की गाइडलाइन के तहत गोपनीय रखा जाएगा।
जो महिला मां नहीं बन सकती, उसके गर्भाशय में आइयूआइ (गर्भाशय में स्पर्म सीधे डालने की प्रक्रिया) और आइसीएसआइ (स्पर्म के नमूने में से एक स्वस्थ शुक्राणु चुनकर एक अंडे के सेंटर में इंजेक्ट कर फर्टिलाइज अंडे को महिला साथी के गर्भाशय में इंप्लांट किया जाता है), पद्धति का उपयोग किया जाता है। वाराणसी में स्पर्म बैंक की सुविधा इस साल से लोगों को मिलने की उम्मीद है।
सीएमओ डा. संदीप चौधरी बताते हैं कि वाराणसी में स्पर्म बैंक और आइवीएफ खोलने का प्रयास किया जा रहा है। स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर बनाने की कोशिश लगातार जारी है। ताकि जनपद समेत आसपास के लोगों को अच्छी चिकित्सा सुविधा मिल सके।
कौन कर सकता है स्पर्म डोनेट
- रिपोर्ट के मुताबिक स्पर्म डोनर (Sperm Donor) की उम्र 18 से 41 साल के बीच हो
- डोनर किसी भी मेडिकल जांच के लिए सहमत हो
- स्पर्म डोनर को कोई भी अपंगता या सेक्सुअल ट्रांसमिटिड डिजीज न हो
- वह सेहतमंद और पूरी तरह फिट हो
- वह अपने परिवार (माता-पिता, दादा-दादी, भाई-बहन और बच्चों) की मेडिकल हिस्ट्री देने के लिए सहमत हो
- डोनर को किसी भी प्रकार की वंशानुगत बीमारी न हो
- वह किसी तरह के ड्रग्स का इस्तेमाल न करता हो
- वह इस बात का एफिडेविट देने को तैयार हो कि उसके स्पर्म से जन्मा बच्चा 18 साल की उम्र पूरी होने के बाद अगर अनुरोध करे तो उसकी पहचान बताई जा सके.
- वह अपना पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस या पहचान का कोई सबूत देने को सहमत हो
- स्पर्म डोनेशन के लिए वह अपना समय देने को तैयार हो
- उसके स्पर्म हाई क्वालिटी हों और उनकी संख्या व आकार अच्छे हों