Sunday, December 15, 2024
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अगर आप भी हैं टैटू के शौकीन, तो हो जाएं सतर्क, यह आपको बना सकता है एड्स रोगी

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आजकल लोगों में टैटू (Tattoo) बनवाने का काफी क्रेज है खासकर युवाओं में। अगर आप भी टैटू बनवाने के शौकीन है, या फिर सोच रहे तो फिर सतर्क हो जाए। क्योंकि ये बहुत बड़ी बीमारी को दावत देने जैसा है। दरअसल, बड़ागांव निवासी 20 वर्षीय जयंत (परिवर्तित नाम) ने गांव में लगे मेले में अपने हाथ में बड़े ही शौक से टैटू बनवाया। इसके कुछ माह बाद उसकी तबीयत बिगड़ने लगी। बुखार के साथ ही उसका शरीर कमजोर होता गया। तमाम उपचार के बाद भी आराम नहीं मिला तो चिकित्सकों ने उसकी एचआईवी जांच कराई। जांच के बाद जब उसे बताया गया कि वह एचआईवी (HIV) पाजीटिव है।

यह जानकर खुद जयंत को भी इस बात का यकीन नहीं हुआ कि रिपोर्ट सही है। वह चिकित्सक से कहने लगा कि उसकी अभी शादी नहीं हुई है। न ही उसका किसी से भी शारीरिक संम्बन्ध है। न ही कभी किसी कारण से उसे खून चढ़ाया गया। ऐसे में वह एचआईवी पाजीटिव भला कैसे हो सकता है, पर जब चिकित्सकों ने उसे समझाया कि यह सब टैटू बनवाने की वजह से हुआ है तो उसके पैरों के नीचे से जमीन खिसक गयी।

वहीं नगवां की रहने वाली युवती शेफाली (परिवर्तित नाम) के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ। फेरी वाले से उसने टैटू बनवाया। इसके कुछ ही दिनों बाद उसकी हालत बिगड़ने लगी। जांच में उसके एचआईवी पाजीटिव होने का पता चला। यह कहानी सिर्फ जयंत और शेफाली की ही नहीं ऐसे कई लोगों की है जो टैटू बनवाने के बाद एचआईवी पाजीटिव हुए।

इसे लेकर पं. दीन दयाल उपाध्याय चिकित्सालय स्थित एंटी रेट्रोवायरल ट्रीटमेंट (एआरटी) सेंटर की वरिष्ठ चिकित्सक डा. प्रीति अग्रवाल ने बताया कि इन सभी लोगों का एचआईवी संक्रमित होने के मुख्य कारणों से दूर तक का वास्ता नहीं । मसलन न तो उन्होंने असुरक्षित यौन सम्बन्ध बनाये थे और न ही उन्हें संक्रमित रक्त चढ़ाया गया था। सेंटर में जब उनकी काउंसलिंग की गयी तो पता चला कि टैटू बनवाने के बाद यह मुसीबत उनके पास आई हैं।

वरिष्ठ चिकित्सक डा. प्रीति अग्रवाल

उन्होंने बताया कि यह समस्या के मूल में संक्रिमित सुई के प्रयोग से टैटू बनाना है। दरअसल टैटू जिस सुई से बनायी जाती है वह काफी महंगी होती है। नियमतः तो किसी एक का टैटू बनाने के बाद उस सुई को नष्ट कर देना चाहिए पर अधिक कमाई के चक्कर में टैटू बनाने वाले एक ही सुई का इस्तेमाल कई लोगों का टैटू बनाने में करते हैं। उधर टैटू बनवाने वाले लोग इस खतरे से अनभिज्ञ होते हैं। वह यह भी नहीं देखते कि टैटू बनाने वाले ने मशीन में नई सुई लगायी है या नहीं। ऐसे में यदि किसी भी एचआईवी संक्रमित का उस सुई से टैटू बना होगा तो अन्य लोगों में एचआईवी का खतरा होने की पूरी संभावना होती हैं।

संभल कर गुदवायें टैटू

डा. प्रीति अग्रवाल ने आगे बताया कि टैटू गुदवाने से पहले काफी सावधानी बरतनी चाहिए। पैसे बचाने के चक्कर में किसी मेले में अथवा फेरी वाले से टैटू बनवाना भारी पड़ सकता है। वह कहती हैं कि टैटू बनवाने से पहले यह जरूर देखना चाहिए कि उसने मशीन में नई सुई लगायी है या नहीं। जिन लोगों ने हाल ही में टैटू बनवाये हो उन्हें अपनी एचआईवी जांच जरूर करानी चाहिए ताकि यदि किसी लापरवाही के चलते उन्हें संक्रमण हुआ हो तो वह उसका तत्काल उपचार शुरू कर सकें। उपचार में देरी जानलेवा हो सकती है।

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