वाराणसी। शास्त्री घाट (कचहरी) पर रविवार को महिला अधिकार सम्मेलन का आयोजन किया गया। इस सम्मेलन के आयोजन में बनारस के तमाम महिला संगठन, छात्र संगठन और नागरिक समाज ने हिस्सा लिया। इस सम्मेलन के माध्यम से 13 सूत्रीय महिला घोषणापत्र जारी किया गया। सम्मेलन की शुरुआत से पूर्व जेपी मेहता इंटर कॉलेज से शास्त्री घाट तक हम महिलाओं द्वारा मार्च भी निकाला गया।
इस सम्मेलन का आयोजन दखल, ऐपवा, लोक समिति, महिला चेतना समिति, साझा संस्कृति मंच, आइसा, बीएसएम, प्रिस्मैटिक फाउंडेशन और मनरेगा मजदूर यूनियन द्वारा संयुक्त रूप से किया।
हम इस सम्मेलन के जरिये सरकार से मांग की गई कि, महिलाओं की आजादी में बिना कोई समझौता किए सुरक्षा सुनिश्चित की जाए। साथ ही सभी संस्थाओं में विशाखा गाइडलाइंस लागू कर GSCASH का गठन किया जाए। संसद, राज्य की विधानसभाओ व सभी सरकारी नौकरियों में महिलाओं को 50 फीसदी आरक्षण सुनिश्चित किया जाए। साथ ही सम्मानजनक रोजगार को मूलभूत अधिकारों में शामिल किया जाए।
इसके अलावा सभी स्कीम वर्कर्स को नियमित उचित तनख्वाह दिया जाए। सरकार द्वारा महिलाओं के स्वास्थ्य अधिकारों का रक्षा किया जाए और सबको निःशुल्क सैनिटरी पैड दिया जाए। विधवा, वृद्धा, दिव्यांग पेंशन 5000 प्रतिमाह हो। लड़कियों की KG से PG तक की पढाई निःशुल्क हो तथा सबको पढाई में सहयोग के लिए छात्रवृत्ति मिले।
सम्मेलन में बतौर वक्ता जनजागरण अधिकार मंच से कमायानी, सामाजिक कार्यकर्ता ऋतु, ऐपवा की राष्ट्रीय सचिव प्रो. सुधा चौधरी, पत्रकार और गाँधीवादी कार्यकर्ता मणिमाला, यूपी महिला कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष प्रतिभा अटल पाल, समाजवादी महिला सभा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष नेहा यादव और आम आदमी पार्टी से मोहिनी ने अपनी बात रखी।
इसके अलावा महिला अधिकार से संबंधित मुद्दों पर सांस्कृतिक कार्यक्रम भी हुए। कार्यक्रम में सूरज एंड टीम ने अपना इमेज थियेटर प्रस्तुत किया, दस्ता के साथी विवेक सुलतानवी ने अपने क्रांतिकारी गीतों से कार्यक्रम में ऊर्जा भरा, संस्कृति ने नृत्य पेश किया तथा प्रेरणा कला मंच का नाटक भी प्रस्तुत किया गया। कार्यक्रम में यूपी कांग्रेस के अध्यक्ष अजय राय जी, गुरुचरण कौर, अनुराधा यादव, बिंदु, संध्या, ऋतु पांडेय, गांव के लोग से अपर्णा, जागृति राही, फादर आनंद, अफलातून, ज्योति,कुसुम वर्मा, रैनी, इंदु, नीति आदि मौजूद रहे।
ऐसे ही तमाम मांगों और मुद्दों के साथ हमनें सफल सम्मेलन का आयोजन किया। इस सम्मेलन में हजारों की संख्या में महिलाओं से हिस्सा लिया। वक्ताओं के अलावा कामगार महिलाओं और छात्राओं ने सुरक्षा, शिक्षा, सम्मान, रोजगार संबंधित चुनौतियों पर अपनी बातचीत रखा।
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