Republic Day 2024 : भारत में हर साल 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस मनाया जाता है। इस साल का गणतंत्र दिवस परेड पिछले सालों की तुलना में खास होने वाला है, क्योंकि इस बार परेड के दौरान भारत ‘स्वदेशी हथियारों’ का प्रदर्शन करने जा रहा है। यह मौका इसलिए भी खास होगा क्योंकि इससे पहले तक गणतंत्र दिवस के परेड में विदेशी हथियारों को ही शामिल किया जाता था, लेकिन इस साल गणतंत्र दिवस (Republic Day 2024) के मौके पर बड़ी संख्या में ‘मेड इन इंडिया’ हथियारों देखेने को मिलेंगे। ऐसे में आइए जानते है कौन कौन से स्वदेशी हथियार का प्रदर्शन किया जाएगा और वे कितना खतरनाक है…
- पिनाका रॉकेट लॉन्चर
पिनाका मल्टी-बैरल रॉकेट लॉन्चर स्वदेश रॉकेट लॉन्चर है, इस नए वर्जन में रेंज बढ़ाई गई है। यह रॉकेट लॉन्चर 44 सेकंड के भीतर 12 रॉकेट दाग सकती है। इस रॉकेट लॉन्चर की डिजाइन को डीआरडीओ यानी रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन के लैब आर्मामेंट रिसर्च एंड डेवलपमेंट एस्टेब्लिशमेंट ने तैयार किया है. खास बात ये है कि यह किसी भी मौसम और परिस्थिति में इसका इस्तेमाल किया जा सकता है। इस रॉकेट सिस्टम को पुणे की ARDE और हाई एनर्जी मटैरियल रिसर्च लैबोरेटरी (HEMRL) ने मिलकर बनाया गया है।
पिनाका का विकास साल 1980 के दशक के अंत में डीआरडीओ के द्वारा किया गया था. इसे रूस के मल्टी बैरल रॉकेट लॉन्चर सिस्टम (जिसे ग्रैड भी कहा जाता है) के विकल्प के तौर पर बनाया गया था. दरअसल 1980 के दशक से पहले भारतीय सेना रूसी BM-21 ग्रेड रॉकेट लॉन्चर को ऑपरेट किया करती थी. हालांकि उस वक्त रूस का रॉकेट लॉन्चर ताकतवर तो था ही लेकिन इसका लक्ष्य पूरी तरह सटीक नहीं था और लक्ष्य सटीक नहीं होने के कारण एक टारगेट करने के लिए कई बार रॉकेट छोड़ने पड़ते थे।
पिनाका को तैयार करने के लिए साल 1986 में डीआरडीओ को 26 करोड़ रुपए दिए गए. पहली बार इस रॉकेट लॉन्चर से 1999 की जंग में पाकिस्तानी सेना पर हमला किया गया और यह हमला कामयाब भी रहा. इसके बाद 2000 के दशक में सिस्टम के कई रेजिमेंट्स लाये गये।
- ध्रुव हेलिकॉप्टर
इसके अलावा Republic Day 2024 पर ध्रुव हेलिकॉप्टर का भी एक्सोप होगा। ध्रुव हेलिकॉप्टर को हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड यानी HAL ने तैयार किया है. यानी यह हेलिकॉप्टर पूरी तरह स्वदेशी है. वर्तमान में भारत की तीनों सेनाओं के पास भारी मात्रा में इस शानदार हेलिकॉप्टर की फ्लीट है.
इस हेलिकॉप्टर की खास बात ये है कि इससे हमला भी कर सकते हैं. इस हेलिकॉप्टर को दो पायलट उड़ाते हैं. इसकी खासियत ये भी है कि एक बार में इसपर 12 सैनिक बैठ सकते हैं. ध्रुव की लंबाई 52.1 फीट और ऊंचाई 16.4 फीट है और इसकी अधिकतम गति 291 किमी प्रति घंटे है.
- प्रचंड हेलिकॉप्टर
स्वदेशी हथियारों में से एक नाम प्रचंड हेलीकॉप्टर का भी शामिल है। इस हेलिकॉप्टर की जरूरत सबसे पहले साल 1999 में कारगिल युद्ध के वक्त महसूस हुई थी। भारतीय सेना के पास एक ऐसा हेलिकॉप्टर होना चाहिए जो पहाड़ की चोटियों तक आसानी से जा सके और वहां ऑपरेशन चलाया जा सके। इसके बाद भारतीय सेना ने हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड यानी HAL के साथ मिलकर इसपर काम शुरू किया।
इस हेलिकॉप्टर को साल 2006 में बनाने का काम शुरू किया गया। 4 साल बाद यानी 2010 में इसका पहला ट्रायल किया गया और नवंबर 2021 में अधिकारिक तौर इसका नाम प्रचंड हेलिकॉप्टर रखा गया। यह एक लाइट कॉम्बैट हेलिकॉप्टर है जो 16,400 फीट की ऊंचाई तक हथियार लेकर उड़ सकता है. इसे भारतीय सेना और हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड ने मिलकर तैयार किया है।
यह हेलिकॉप्टर 15.5 फीट ऊंचा और 51.10 फीट लंबा है. इसकी कॉम्बैट रेंज 550 किलोमीटर है और ये लगभग 3.15 घंटे लगातार उड़ान भर सकता है. इतना ही नहीं इस हेलिकॉप्टर की उड़ने की रफ्तार 268 किलोमीटर प्रति घंटा है. यह हेलीकॉप्टर 20 एमएम की तोप के साथ में 4 अन्य हथियार भी कैरी कर सकता है.
- BMP-2 टैंक
गणतंत्र दिवस परेड के दौरान प्रदर्शन किए जा रहे स्वदेशी हथियारों में एक नाम BMP-2 टैंक भी शामिल है। कुछ साल पहले तक इस टैंक को रूस से खरीदा जाता था. लेकिन अब भारत खुद ही इसे बनाता है। इस की खासियत ये है कि यह 30mm वाली मशीनगन से लैस होता है और वार करते वक्त 360 डिग्री यानी हर तरफ घूमकर वार कर सकता है. इस टैंक का वजन इतना कम होता है कि हलके होने के कारण इसे पहाड़ी क्षेत्रों में ले जाना आसान होता है।
वर्तमान में इस टैंक की सबसे ज्यादा तैनाती चीन सीमा पर की जाती है. बीएमपी-2 टैंक का वजन 14 हजार किलोग्राम है और अपने वजन के कारण ही यह टैंक फिलहाल सबसे खतरनाक हथियारों में से एक है.
- MR-SAM मिसाइल
इस मिसाइल को डीआरडीओ ने इजरायल की IAI कंपनी की मदद से बनाया था. यह एक मध्यम रेंज की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल है. इस मिसाइल की खासियत ये है कि इसमें कमांड पोस्ट, मल्टी फंक्शन राडार, मोबाइल लॉन्चर सिस्टम जैसी चीजें लैस है। यह आसमान में सीधे 16 किमी तक के टारगेट को गिरा सकती है। वैसे इसकी रेंज 100 किमी तक है. यानी यह मिसाइल बड़ी ही आसानी से 100 किमी के रेंज में आने वाले दुश्मन यान, विमान, ड्रोन या मिसाइल को नेस्तनाबूद कर सकती है।
MR-SAM मिसाइल हवा में 2448 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से दुश्मन की तरफ हमला करती है। इतना ही नहीं इस मिसाइल से धुआं भी बिलकुल कम होता है और स्पीड भी काफी ज्यादा है. इसकी वजह से दुश्मन इसे ट्रेस नहीं कर पाता।
- T-90 भीष्म टैंक
भारत ने रूस से 310 T-90 टैंक खरीदने का सौदा किया था. इस 310 टैंकों में से 124 टैंक तो इस देश ने रूस से सीधे तैयार करके मंगवाए थे, लेकिन बचे टैंकों को यही अपने देश में तैयारी किया गया है. जबकि बाकी को यहां तैयार किया गया और रूस के टी-90 टैंक को भारत ने अपने हिसाब से बदलकर उसका नाम भीष्म रख दिया है.
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