NPPA : दवा (medicine) की कीमतों को लेकर नए साल में एक अच्छी खबर आई है, क्योंकि देश में जरूरी दवाएं अब सस्ती मिलेंगी। सरकार के फार्मास्युटिकल विभाग के तहत नेशनल फार्मास्युटिकल प्राइसिंग अथॉरिटीज (NPPA) ने 1 जनवरी, 2024 से बुखार, इन्फेक्शन से लेकर कैंसर तक कुल 19 दवाओं के रिटेल प्राइस (खुदरा दाम) तय कर दिये हैं। आइए जानते हैं इस लिस्ट में कौन-कौन सी दवाएं शामिल है और इनकी कीमतें कितनी कम की गई है।
कैंसर की दवा के दाम किए गए तय
ब्रेस्ट और पेट कैंसर के इलाज में इस्तेमाल होने वाली दवा Trastuzumab भी इस लिस्ट में शामिल है। हेटेरो बायोफार्मा लिमिटेड और मैनकाइंड फार्मा लिमिटेड द्वारा निर्मित कैंसर की दवा ट्रैस्टुज़ुमैब की अब नई कीमत ₹15,817.49 प्रति वायल तय की गई है।
इन दवाइयों के दाम भी घटे
इसके अवावा Bisoprolol Fumarate और Amlodipine टैबलेट की कीमतों को भी घटा दिया गया है। Garnier Biotech और जॉयडस हेल्थकेयर लिमिटेड इस दवा को बनाती है। इसके हर एक टैबलेट की कीमत 6.74 रुपए फिक्स की गई है। ब्लड प्रेशर के इलाज के लिए इस्तेमाल होने वाली दवा Amlodipine और Bisoprolol टैबलेट का दाम भी घटा दिया गया है।
इसके अलावा हाइपरटेंशन की दवा Metoprolol Succinate और Clinidipine टैबलेट की कीमत को घटाकर 10 रुपए कर दिया गया है। इस दवा को Pure and Care Healthcare और Cipla बनाती है।
Theon Pharma और JB Chemicals की ओर से बनाई जाने वाली Amoxycillin और Potassium Clavulanate टैबलेट के लिए भी अधिकतम कीम 40.03 रुपए प्रति टैबलेट तय की गई है। Amoxycillin एक तरह की एंटिबायोटिक दवा है, जिसका इस्तेमाल कई तरह के बैक्टीरियल इन्फेक्शन के इलाज में किया जाता है।
बता दें कि मल्टीडिसिप्लिनरी कमेटी (MDC) ने इन दवाओं को लेकर पहले ही सिफारिश की थी, जिन दवाओं को सस्ता करने को कहा गया था उनमें इंफेक्शन, दर्द, बुखार, गले में संक्रमण, कीड़े मारने की दवा आदि भी शामिल हैं।
NPPA की नोटिफिकेशन के अनुसार, कंपनियों को इन दवाओं पर सिर्फ जीएसटी जोड़ने की अनुमति होगी, वो भी तब जब उन्होंने खुद जीएसटी का भुगतान किया हो। इसके अलावा NPPA ने Cipla और Wockhardt की गंभीर संक्रमण के इलाज में इस्तेमाल होने वाली दवाओं के दामों को भी संशोधित करने का आदेश जारी किया गया है।
ज्यादा कीमत पर दवा बेची तो होगी कार्रवाई
NPPA के नोटिफिकेशन में कहा गया है कि अगर इन दवाइयों को तय रेट से ज्यादा दाम पर बेचा जाता है तो इसके लिए उत्पादक और मार्केटिंग कंपनी जिम्मेदार होगी और उस पर आवश्यक वस्तु अधिनियम एक्ट 1955 के तहत कार्रवाई की जाएगी।
बता दें कि, इसके पहले NPPA ने आखिरी बार नवंबर 2023 में दवाइयों की कीमतों को रिवाइज किया था। इस महीने में दिल्ली हाई कोर्ट के एक डिविजन बेंच एक फैसले में कहा था कि सरकार के पास नॉन-शेड्यूल्ड फॉर्मुलेशंस की अधिकतम खुदरा मूल्यू (MRP) को केवल मॉनिटर करने का अधिकार है, सरकार इसे तय या रिवाइज नहीं कर सकती है।
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