Nitin Gadkari Statement : सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) अक्सर अपने बयानों को लेकर चर्चा में रहते हैं। एक बार फिर उन्होंने ऐसा बयान दिया है जिसको विपक्षी पार्टियां मुद्दा बना सकती हैं। नागपुर में कृषि विकास प्रतिष्ठान के तत्वाधान में आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कि सरकार ‘विषकन्या’ की तरह है, जिसकी छाया भी किसी भी परियोजना को बर्बाद कर सकती है।
जो सरकार से दूर रहता है, वह प्रगति कर सकता है
नितिन गडकरी ने आगे कहा कि आज ही नहीं जब वह विपक्ष के नेता थे, तब भी वह इस सिद्धांत में दृढ़ विश्वास रखते हैं कि लोगों को भगवान और सरकार पर भरोसा है, लेकिन सरकार का हस्तक्षेप और घटना उसकी छाया किसी परियोजना को बर्बाद कर सकती है, इसीलिए सरकार विषकन्या के समान है, जो सरकार से दूर रहता है, वह प्रगति कर सकता है।
सरकार में समस्याएं अलग होती हैं
गडकरी ने कहा कि सरकार कि जो अड़चन है अलग है। आज हमारे सामने सबसे बड़ा लक्ष्य है..हम देश की कृषि आय को 22 प्रतिशत तक बढ़ाना चाहते हैं और जिस दिन हम ये कर लेंगे उस दिन किसानों की मजदूरी 1500 हो जाएगी, इसलिए सरकार में समस्याएं अलग होती हैं, समस्याएं इस वर्ष एमएसपी देने में अर्थात बाजार मूल्य और एमएसपी के बीच, इसे संतुलित करने के लिए बाजार मूल्य कम है और एमएसपी अधिक है।
मंत्री होने के कारण बोलने की कुछ मर्यादा है
गडकरी आगे कहते हैं कि सरकार को बैलेंस करने के लिए डेढ़ लाख करोड़ का भुगतान करना पड़ता है और जो अनाज लिया है उसे रखने के लिए गोदाम उपयुक्त नहीं है। भगवान जाने कितना गड़बड़ हो गया। मंत्री होने के कारण मुझे भी बोलने की कुछ मर्यादा है।
बता दें कि, नितिन गडकरी की गिनती बीजेपी के दिग्गज नेताओं में होती है, वह अपने बेबाक बयान के लिए जाने जाते हैं वो कई बार कह चुके हैं कि केवल 20 प्रतिशत काम राजनीति के लिए काम करते हैं, बाकी 80 फीसदी काम समाजिक कारणों के लिए करते हैं।
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