वाराणसी। महिलाओं को समाज में कमतर माना जाता है। लोग उनके बराबरी के हक़ की बात करते हैं पर उन्हें हक़ दिलाने की बात आती है तो पीछे हट जाते हैं। ऐसे समाज में अक्सर कई घटनाओं का महिलांए शिकार होती हैं। महिलाओं और लड़कियों को इन घटनाओं से बचाने और उन्हें समाज की मुख्य धारा से बिना किसी संकोच के जोड़ने की कवायद पिछले दस सालों से कर रहीं काशी की बेटी अनिता सिंह के वारियार अकादमी ऑफ मार्शल आर्ट नए आयाम गढ़ रही है। यहां के बच्चे खासकर लडकियां और वो गृहणियां भी जो कभी घर की चाहरदीवारी से नहीं निकलीं; आज समाज की मुख्य धारा में चलने को तैयार हैं तो लडकियां सेल्फ डिफेन्स में पारंगत होने के साथ ही साथ लगातार प्रतियोगिताओं में गोल्ड और सिल्वर पर निशाना लगा रही हैं।
फरवरी माह की शुरुआत में दिल्ली में आल इंडिया सिकाकाई कराटे टूर्नामेंट का आयोजन हुआ था। इस आयोजन में काशी की इस अकादमी के 11 बच्चों ने प्रतिभाग किया जिसमें क्लास 6 में पढ़ने वाली हरगुन और रुपाली ने गोल्ड पर कब्जा जमाया तो पीयूष ने भी इनका साथ दिया और गोल्ड अपने नाम किया। पीयूष क्लास 11 के स्टूडेंट हैं। इसके अलावा क्लास 5 की आदिश्री क्लास 6 की पंखुड़ी और शौर्य के अलावा ग्रेजुएशन कर रहे मयंक ने सिल्वर मेडल पर कब्जा जमाया। वहीं मृदुल, मनन, श्रेय और ओम ने ब्रॉन्ज मेडल पर कब्जा जमाया।
हमने जब गोल्ड जितने वाली क्लास 6 की रुपाली से बात की तो उन्होंने बताया कि ‘उन्हें कराटे खेलना अच्छा लगता है। सेंसई अनीता सिंह हमें बहुत सपोर्ट करती हैं और सिखाती भी हैं। सेल्फ डिफेन्स के साथ ही साथ अब हम इस कराटे से अपने देश को भी रीप्रेजेंट कर सकते हैं। वहीं एक और तेज तर्रार खिलाड़ी आदिश्री ने कहा कि उन्हें कराटे खेलना अच्छा लगता है। इस लिए खेलती हूं और आगे बढ़कर इसे ही प्रोफेशन बनाना है।
सेंसई अनीता सिंह के यहां बचपन से कराटे की ट्रेनिंग कर रहे ग्रेजुएशन कर रहे मयंक ने बताया कि ‘इस अकादमी में हमें वो प्यार मिलता है जो हमें घर पर मिलता है। लगता ही नहीं कि हम घर से बाहर कहीं हैं। यह ट्रेनिंग के अलावा हमें संस्कार भी सिखाए जाते हैं। जब भी हम टूर पर जाते हैं तो ऐसा कभी नहीं लगा की घर से दूर हैं। वहीं उन्होंने कहा कि कराटे सिर्फ आप का सेल्फ डिफेन्स नहीं बल्कि आप इससे अपना व्यक्तित्व भी संवार सकते हैं।
सेंसई अनीता सिंह ने जब से यह अकादमी शुरू की तब से यही उनका परिवार है। उन्होंने बताया कि शादी के पैसों से घर में यह हाल बनवाया और तब से ही लड़कियों को सेल्फ डिफेन्स के साथ ही साथ उनका मनोबल बढ़ाने की कोशिश है।