CM Yogi Varanasi Visit : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) शनिवार को प्रबुद्धजनों से संवाद करने वाराणसी पहुंचे। इस दौरान उन्होंने काशी में कार्यकर्ताओं को निकाय चुनाव में जीत का मंत्र देते हुए कहा कि सीएम योगी ने कहा कि बाबा विश्वनाथ की इस पावन धरा पर मां गंगा की कृपा से परिपूर्ण प्रबुद्धजनों के बीच मैं अपने आप को पाकर हमेशा गौरवान्वित होता हूं। सीएम ने कहा कि काशी में विजय पर किसी को संदेह नहीं है। लोकसभा, विधानसभा से लेकर हर चुनाव में काशीवासियों का सहयोग सदैव मिला है। मगर इस बार हमारा लक्ष्य फुल मेजॉरिटी का बोर्ड बनाने पर है।
आज कोई अपराधी और माफिया सीना तानकर नहीं चल सकता
उन्होंने कहा कि दुनिया के हर सनातनी की ये चाहत है कि काशी वैश्विक मंच पर नई आभा बिखेरे। मुख्यमंत्री ने सुदृढ़ हुई कानून व्यवस्था को लेकर कहा कि आज कोई अपराधी और माफिया सीना तानकर नहीं चल सकता। कोई माफिया किसी नंद किशोर रूंगटा का अपहरण करने का दु:साहस नहीं कर सकता। सीएम ने कहा कि बीते 9 साल में पीएम ने काशी को कर्मसाधना स्थली बनाकर इसे नये कलेवर और काया के साथ वैश्विक मंच पर नई पहचान दी है। अभी हाल ही में काशी में दुनिया के बीस बड़े देशों का जी-20 सम्मेलन आयोजित हुआ। मुख्यमंत्री ने कहा कि काशी में अब तीन गुना या चार गुना नहीं बल्कि कई गुना ज्यादा तेजी से विकास हो रहा है। सड़कों का चौड़ीकरण हो रहा है। शहर को चारों तरफ से फोर लेन की कनेक्टिविटी दी जा रही है।
काशी की चौड़ी और चमकती हुई सड़कों के रूप में विकास स्पष्ट दिखाई देता है
सीएम ने कहा कि कैंट से गोदौलिया तक रोपवे बन रहा है, जिससे एक दिन में एक लाख लोग आ जा सकते हैं। काशी की चौड़ी और चमकती हुई सड़कें, स्वच्छता, टीएफसी, कन्वेंशन सेंटर, कैंसर संस्थान के रूप में विकास स्पष्ट दिखाई देता है। मुझे बताया गया कि यहां कैंसर संस्था में अबतक 21 हजार कैंसर मरीजों का उपचार किया जा चुका है। मैंने खुद मुख्यमंत्री राहत कोष से 72 करोड़ रुपए कैंसर रोगियों के लिए प्रदान किये हैं।
आज प्रत्येक व्यक्ति काशी आने के लिए उत्सुक है
सीएम ने आगे कहा कि 1916 में गांधी जी ने काशी की गलियों और गंदगी की चर्चा की थी। 100 वर्ष में गांधी जी के नाम पर सत्ता तो सबने हथियाई लेकिन किया कुछ भी नहीं। आज प्रत्येक व्यक्ति काशी आने के लिए उत्सुक है। उन्होंने आगे कहा कि संकट के समय सकंटमोचक बनकर कैसे लोगों को राहत देनी है अगर ये देखना है तो ये प्रधानमंत्री मोदी से सीखे। किसी चुनौती के समय कसौटी पर कैसे खरा उतरना है ये पीएम से सीखे।
सीएम ने कहा 1972 में बनी ‘सरयू नहर राष्ट्रीय परियोजना’ का 1977 में शिलान्यास हुआ, लेकिन पूरी नहीं हो पाया। यह योजना 2022 में पूरी हुई। इस योजना के 90 फीसदी कार्य 2017 से 2022 के बीच हुए।
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