Sunday, December 15, 2024
spot_img
spot_img
HomeKavya RangKavya Rang : दशा-दिशा और पुरुष

Kavya Rang : दशा-दिशा और पुरुष

spot_img
spot_img
spot_img

हज़ारों ख़्वाब हैं दिल में
तो ज़िम्मेदारियां भी हैं।

कभी अपनों की चिंता तो
पुरानी यारियाँ भी हैं।

मग़र तू फ़िक्र न करना
मैं सब कुछ देख लूँगा।

मुझे आदत है, चाहत है
मैं सब कुछ देख लूँगा।

मेरे अरमान हैं तो क्या
मेरा परिवार भी तो है।

कोई मुश्किल हो, मेरे संग
मेरा परिवार ही तो है।

इसी परिवार की ख़ातिर
मुझे अब दूर जाना है
कि कुछ पैसा कमाना है
कि अपना घर चलाना है
मग़र तू फ़िक्र न करना
मैं सब कुछ देख लूँगा।

मुझे आदत है, चाहत भी
मैं सब कुछ देख लूँगा।

किसी कोने में कमरे के
कभी मैं रो भी लेता हूँ
कि माँ की याद को इन
आँसुओं से धो भी लेता हूँ।

तेरा है शुक्रिया मालिक मेरे
जो भी दिया तूने
कि चेहरे पर ख़ुशी उनके
मुझे साहस दिया तूने।

मग़र तू फ़िक्र न करना
मैं सब कुछ देख लूँगा।

मुझे आदत है, चाहत भी है
मैं सब कुछ देख लूँगा।।

By-©शशांक यादव

देश-विदेश की ताजा खबरें पढ़ने और अपडेट रहने के लिए आप हमें Facebook Instagram Twitter YouTube पर फॉलो व सब्सक्राइब करें

spot_img
RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -spot_img

Most Popular

spot_img

Recent Comments

Ankita Yadav on Kavya Rang : गजल