पुरुष तुम अपने कर्म अनुसार
कभी महान तो कभी अपमान हो।
स्त्री है जननी, तो तुम पालनहार हो
स्त्री है तप तो तुम तपस्या समान हो।
पुरुष तुम अपने कर्म अनुसार
कभी देव तो कभी शैतान हो।
पुरुष तुम अपने कर्म अनुसार
कभी मान, तो कभी अपमान हो।
पुरुष तेरे रूप अनेक
लक्षण भी बहुतेरे, ना तुमको कोई समझ पाया
तुम एक अनसुलझी पहेली के समान हो।
पुरुष तुम जग के अभिनय आधार हो।।Anki
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