Varanasi : बेनियाबाग स्थित कब्रिस्तान के पास 10 साल पहले चार लोगों के चर्चित हत्याकांड में जिला जज डॉक्टर अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत ने शकीला, अमजद, रमजान व अरशद को दोषी करार दिया है। जबकि एक अन्य आरोपी इकबाल राइन के खिलाफ आरोप सिद्ध न होने पर उसे दोषमुक्त कर दिया है।
अदालत में इस केस में अभियोजन की ओर से जिला शासकीय अधिवक्ता आलोक चंद्र शुक्ला ने पक्ष रखा । इस मामले मे सजा पर सुनवाई के लिए सात अक्टूबर की तिथि मुकर्रर की गई है ।
कोर्ट में अभियोजन पक्ष की तरफ से पेश हुए डीजीसी आलोक चंद्र शुक्ला के अनुसार सरायगोवर्धन- चेतगंज निवासी सईद उर्फ काजू ने 16 जून 2012 को चौक थाने में एफआईआर दर्ज कराई थी। आरोप था कि साढ़े आठ बजे मो. सईद, उसके दो भाई मो. शफीक उर्फ राजू और मो. शकील उर्फ जाऊ, भतीजे चांद रहीमी व शालू के साथ बाबा रहीम शाह की मजार से निकलकर घर की ओर जा रहे थे। इसी बीच अमजद, इकबाल राइन, अरशद, रमजान व अमजद की पत्नी शकीला व उसकी बेटी शबनम आदि ने कब्रिस्तान के समीप घेर लिया। इसके बाद लाठी व डंडे से बेतहाशा सिर व शरीर पर मारना शुरू कर दिया।
शोर सुनकर मजार की सफाई करने वाले कामिल भाई व भतीजा बीच-बचाव करने पहुंचे तो हमलावरों ने उन्हें भी हमला कर गंभीर रूप से जख्मी कर दिया। पिटाई से मो. सईद के भाई शफीक उर्फ राजू व कामिल भाई की मौत हो गई। घायलो को लेकर मो. सईद व मोहल्ले के लोग अस्पताल पहुंचे। जहां उसके एक और भाई शकील उर्फ जाऊ की मौत हो गई।
घटना में घायल भतीजा चांद रहीमी की भी कुछ दिनों बाद इलाज के दौरान मौत हो गई थी। इस सुनवाई के बाद जिला जज की अदालत ने अपनी ओर से यह डिसीजन दिया।