वाराणसी। प्रभारी सत्र न्यायाधीश की अदालत ने गुरुवार को भाभी की पीटकर हत्या करने के चर्चित मामले में आरोपी मनीष सेठ की जमानत अर्जी को खारिज कर दिया। जिला शासकीय अधिवक्ता आलोक चन्द्र शुक्ला ने जमानत प्रार्थना पत्र का जोरदार विरोध किया जिसके बाद कोर्ट ने यह डिसीजन लिया। घटना दशाश्वमेध थाना क्षेत्र में इसी साल बीते मई माह में हुई थी।
अभियोजन पक्ष के अनुसार बीते 29 मई की देर रात 11 बजे कमरे के बाहर अकारण पानी गिराने पर वादी शालिनी सेठ (50 वर्ष) ने मना किया। इस पर ताई व उसकी दो पुत्रियों ने शालिनी के साथ हाथापाई शुरू कर दी। इस दौरान इनके ललकारने पर देवर मनीष सेठ हाथ में लाठी लेकर आये और भाभी शालिनी को लाठी से पीटकर अधमरा कर दिया। हालत सीरियस देख इन्हें तुरंत बीएचयू अस्पताल ले जाया गया जहां चेकअप के बाद डाक्टरों ने गंभीर रूप से जख्मी शालिनी सेठ को मृत घोषित कर दिया।
दशाश्वमेध थाने में इस घटना की रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी जिसके बाद एक्टिव हुई पुलिस ने आरोपी मनीष सेठ को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। प्रभारी सत्र न्यायाधीश किरन पाल सिंह की अदालत में गुरुवार को इसी मामले में जेल में बंद आरोपी मनीष सेठ की जमानत के लिए प्रार्थना पत्र दाखिल किया गया था। कोर्ट में सुनवाई के दौरान अभियुक्त के वकील व अभियोजन पक्ष की तरफ से डीजेसी आलोक चन्द्र शुक्ला ने जमानत के पक्ष व विपक्ष में अपने अपने तर्क प्रस्तुत किए। डीजेसी के मजबूत तर्क को देखते हुए अदालत ने घटना को गंभीर माना और आरोपी मनीष सेठ को जमानत देने से इंकार कर दिया।