यूपी में बिजली कर्मचारियों ने अपना कार्य बहिष्कार वापस लेते हुए आखिरकार 65 घंटे बाद हड़ताल खत्म कर दी है। रविवार दोपहर ऊर्जा मंत्री एके शर्मा और बिजली कर्मचारी नेताओं के बीच दूसरे राउंड की बैठक में बात बनी। इसके बाद बिजली कर्मचारी संघर्ष समिति के संयोजक शैलेंद्र दुबे ने हड़ताल खत्म होने का ऐलान किया। दरअसल, ऊर्जा मंत्री एके शर्मा (AK Sharma) ने बीते दिसंबर में हुए समझौते की सभी बातें लागू कराने का आश्वासन दे दिया है, जिसको मानते हुए बिजली कर्मियों की हड़ताल खत्म हो गई है। इसी के साथ ऊर्जा मंत्री एके.शर्मा ने संघर्ष समिति को भी आश्वासन दिया कि हड़ताल के दौरान कर्मचारियो के खिलाफ की गई संपूर्ण कार्रवाई को वापस लिया जाएगा।
‘बातचीत के माध्यम से सारे मुद्दों को किया जाएगा हल’
ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने आगे कहा कि संघर्ष के अन्य मुद्दों पर विचार करने के लिए आने वाले समय में बातचीत के माध्यम से सारे मुद्दों को हल किया जाएगा। इसके अलावा ऊर्जा मंत्री ने संघर्ष समिति के पदाधिकारियों से भी कहा है कि प्रदेश में जहां कहीं भी विद्युत आपूर्ति बाधित हो, उसे शीघ्र संचालित किया जाए और जो भी कर्मचारी कार्यस्थल पर न हो, वह कार्यस्थल पर जाकर अपनी ड्यूटी करें।
बिजली कर्मचारी संघर्ष समिति के संयोजक शैलेंद्र दुबे ने कहा, प्रदेश में जहां जहां भी विद्युत व्यवस्था चरमराई है वहां आज से ही बिजली व्यवस्था बहाल होने लगेगी।”सरकार ने जिन 3000 बिजली कर्मचारियों को नौकरी से बाहर किया है। उनको वापस लिया जाएगा। इसके अलावा, 22 लोगों पर एस्मा लगाया था, 29 लोगों पर मुकदमा दर्ज हुआ था। इसे भी सरकार वापस लेगी।
इसके लिए उन्होंने यूपीपीसीएल के चेयरमैन को निर्देशित भी किया है। अब तक कर्मचारियों के खिलाफ की गई कार्रवाई में चाहे एफआईआर हो, निलंबन हो या अन्य किसी प्रकार की कार्रवाई की गई हो, इसे शीघ्र ही वापस लिया जाएगा। संघर्ष के अन्य मुद्दों पर विचार करने के लिए आने वाले समय में वार्ता के माध्यम से हल किया जायेगा। यह हड़ताल ऊर्जा मंत्री के आश्वासन और हाईकोर्ट के सम्मान में वापस हुई है। हालांकि, एक बार फिर से कर्मचारियों को कहीं भी कोई लिखित आश्वासन नहीं मिला है।”