इन दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 2 से 4 मई तक तीन दिनों के विदेश दौरे पर हैं। कल जर्मनी दौरे के बाद पीएम मोदी आज डेनमार्क में हैं। इस दौरान कोपेनहेगन में पीएम मोदी ने डेनमार्क की पीएम मेटे फेडरिकसेन से मुलाकात की। भारत और डेनमार्क में कई समझौतों पर सहमति हुई। यहां प्रधानमंत्री मोदी ने भारतीय समुदाय को संबोधित भी किया। उन्होंने कहा कि ”एक भारतीय दुनिया में कहीं भी जाए, वह अपनी कर्मभूमि के लिए पूरी ईमानदारी से योगदान देता है।
पीएम मोदी ने ने आगे कहा कि, जब मेरी विदेशी नेताओं से मुलाकात होती है, तो वे मुझे अपने देश के भारतीयों की उपलब्धियों को शान से बताते हैं। वे भारतीयों के नेचर की सराहना करते थकते नहीं। आप लोगों के व्यवहार और संस्कार के मूल में है ये। इसलिए मुझे जो बधाइयां मिल रही हैं, वह मैं आपको समर्पित करता हूं।” ”हमारा पहनावा खान पान भले ही अलग-अलग हों, लेकिन हमारी वैल्यू-कोएक्जिसटेंस एक जैसी हैं। यही हमारी ताकत है। जिनकी जड़ें किसी भी तरह से भारत मां से जुड़ी हैं, वे रूल ऑफ लॉ के प्रति सम्मान रखते ही हैं।”
बता दें कि दौरे के पहले दिन प्रधानमंत्री जर्मनी पहुंचे थे। आज वह डेनमार्क में हैं और यहां उनका भव्य स्वागत किया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और डेनमार्क की पीएम मेटे फ्रेडरिकसन ने डेनमार्क के कोपेनहेगन में बातचीत भी की। सोमवार को जर्मनी में भी पीएम का भव्य स्वागत किया गया था, यहां उन्होंने भारतीय समुदाय के लोगों से मुलाकात की थी। जर्मनी में प्रधानमंत्री ने अपनी सरकार द्वारा किए गए व्यापक सुधारों के बारे में बताया था और भारत में स्टार्टअप और यूनिकॉर्न की बढ़ती संख्या के बारे में जानकारी दी थी।
सोमवार को भारत और जर्मनी ने स्वतंत्र, मुक्त और समावेशी हिंद-प्रशांत के महत्व पर जोर दिया था। अंतरराष्ट्रीय कानून के अनुरूप निर्बाध वाणिज्य एवं नौवहन की स्वतंत्रता को रेखांकित किया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और जर्मन चांसल ओलाफ स्कोल्ज द्वारा अंतर-सरकारी परामर्श के छठे दौर की सह-अध्यक्षता के बाद दोनों देशों की ओर से जारी संयुक्त बयान में ये बातें कही गई थीं।
इसके बाद पीएम मोदी ने बर्लिन में भारतीय समुदाय के लोगों को संबोधित किया था। इस दौरान उन्होंने कहा था, ‘मैं भाग्यशाली हूं कि मुझे जर्मनी में ‘मां भारती’ के बच्चों से मिलने का अवसर मिला। आप सभी से मिलकर बहुत अच्छा लग रहा है। आप में से कई लोग जर्मनी के विभिन्न शहरों से बर्लिन आए हैं। सुबह मैं बहुत हैरान था कि यहां इतनी ठंड है लेकिन कई छोटे-छोटे बच्चे भी सुबह 4-4.30 बजे आ गए थे। आपका ये प्यार और आपका आशीर्वाद मेरी बहुत बड़ी ताकत है।’
उन्होंने कहा था, ‘आज का भारत मन बना चुका है, संकल्प लेकर आगे बढ़ रहा है और आप भी जानते हैं कि जब किसी देश का मन बन जाता है तो वो देश नए रास्तों पर भी चलता है और मनचाही मंजिलों को प्राप्त करके भी दिखाता है।’