टीम इंडिया के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी का नाम दुनिया के सर्वश्रेष्ठ कप्तानों की लिस्ट में लिया जाता है। इसके पीछे कई उपलब्धियां और कहानियां जुड़ी हैं। साल 2007 में पहली बार भारतीय टीम के कप्तान की जिम्मेदारी संभालने वाले महेंद्र सिंह धोनी ने ऐसा कारनामा कर दिखाया था, जिसके बारें में शायद ही किसी ने सोचा होगा। आज से ठीक नौ साल, पहले आज ही के दिन, तारीख 23 जून 2013, महेंद्र सिंह धोनी लिमिटेड ओवर क्रिकेट में आईसीसी की सारी ट्रॉफी जीतने वाले दुनिया के इकलौते कप्तान बन गए थे।
उन्होंने 2007 में टी20 वर्ल्ड कप जीता, 2011 में क्रिकेट वर्ल्ड कप को अपने नाम किया और 2013 में उस अकेली बची हुई आईसीसी की ट्रॉफी को भी भारत की कैबिनेट में सजा दिया।
23 जून 2013 को जीती चैम्पियंस ट्रॉफी
माही और उनके रणबांकुरों ने इसी तारीख पर भारत को आईसीसी चैम्पियंस ट्रॉफी का विजेता बनाया था। इस जीत के साथ वह आईसीसी लिमिटेड ओवर क्रिकेट के सारे टूर्नामेंट जीतने वाले दुनिया के पहले और इकलौते कप्तान बन गए थे।
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2013 चैम्पियंस ट्रॉफी फाइनल में इंग्लैंड को हराया
2013 आईसीसी चैम्पियंस ट्रॉफी का फाइनल मैच बर्मिंघम में 23 जून को खेला गया था। बारिश के कारण इस मैच को 20-20 ओवर का कराया गया था, जिसमें धोनी की टीम इंडिया ने पहले बल्लेबाजी करते हुए सात विकेट पर 129 रन बनाए थे। टीम के सिर्फ तीन बल्लेबाजों का स्कोर दो अंकों में पहुंच सका था। विराट कोहली ने 43, रवींद्र जडेजा ने 33 और शिखर धवन ने 31 रन बनाए थे। खुद कप्तान धोनी खाता तक नहीं खोल सके थे। इंग्लैंड के सामने जीत के लिए 130 रन का छोटा लक्ष्य था, लेकिन इस टारगेट और मेजबान टीम के बीच दुनिया के सबसे शातिर समझे जाने वाले कप्तान धोनी भी खड़े थे।
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धोनी की बेमिसाल कप्तानी ने बनाया चैम्पियन
भारत के 129 रन के जवाब में इंग्लैंड ने खराब शुरुआत की। नौवें ओवर में 46 रन पर उसके चार विकेट गिर चुके थे। इसके बाद ऑयन मॉर्गन और रवि बोपारा ने पांचवें विकेट के लिए 53 गेंदों में 64 रन की साझेदारी कर दी। अब मेजबानों को आखिरी तीन ओवर में जीत के लिए सिर्फ 28 रन की जरुरत थी। ऐसी स्थिति में, कैप्टन कूल ने अब तक तीन ओवर में 27 रन खर्च कर चुके इशांत शर्मा को गेंद थमा दी। ये हैरान करने वाला फैसला था, लेकिन सबको पता था कि इस खेल को उनसे बेहतर और कोई नहीं जानता।
दिल्ली के तेज गेंदबाज ने इस ओवर में क्रीज पर जीत के लिए सेट मॉर्गन और बोपारा को बैक-टू-बैक डिलीवरी पर आउट कर दिया। इंग्लैंड को अंतमि ओवर में जीत के लिए 15 रन की दरकार थी। कप्तान धोनी ने एकबार फिर चौंकाने वाला फैसला लिया, गेंद ऑफ स्पिनर अश्विन को थमा दी। अश्विन के इस ओवर में सिर्फ एक चौका लगा, कुल नौ रन बने और टीम इंडिया ने पांच रन से फाइनल जीतकर चैम्पियंस ट्रॉफी पर कब्जा जमा लिया।