वाराणसी। प्रधानमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट आवास योजना शहरी के आवंटन में Varanasi में धांधली सामने आयी है। मुख्यमंत्री से हुई शिकायत के बाद आये निर्देश पर हुई जांच के बाद नगर आयुक्त प्रणय सिंह ने कार्यदायी संस्था के दस सर्वेयर/साइट इंजीनियर्स अनियमितता के आरोप में सस्पेंड किये हैं। वहीं कार्यदायी संस्था ने अधिक अनियमितता मिलने पर दो सर्वेयर के विरूद्ध थाना-लालपुर-पांडेयपुर में FIR दर्ज कराया है। इस कार्रवाई के बाद इस योजना से जुड़े कर्मचारियों में हड़कंप मचा हुआ है।
नगर आयुक्त ने आम जनता से की अपील
नगर आयुक्त ने लोगों से अपील करते हुए कहा है कि कोई भी व्यक्ति जो अपने आप को डूडा कर्मी / नगर निगम कर्मी बताता हो, लेकिन उसके पास आईडी न हो तो तत्काल डूडा कार्यालय / नगर निगम कार्यालय / जिलाधिकारी कार्यालय को सूचित कर रिपोर्ट दर्ज कराएं।
मेसर्स केडीएस सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड है कार्यदायी संस्था
इस सम्बन्ध में नगर आयुक्त प्रणय सिंह ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ निर्देश के क्रम में प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी के आवंटन की जांच शुरू की थी। इसमें रामनगर और गंगापुर में बन रहे आवासों के आवंटन की जांच हुई है, जिसमें आवंटन के लिए मॉनिटरिंग और जियो टैगिंग का कार्य मेसर्स केडीएस सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड कर रही है। इस दौरान यह बात सामने आयी थी कि कार्यदायी संस्था के कुछ सर्वेयर/ साइट इंजिनियर इंजिनियर के द्वारा लोगों से अवैध वसूली की शिकायतें मिल रही थीं।
ये हुए बर्खास्त
उन्होंने बताया कि यह अवैध वसूली जाली प्रमाण पत्र बनाकर अपात्र को पात्र बनाने का लालच दिया जा रहा था। साथ ही ये लोग कई को साजिश के तहत अपना शिकार बना चुके हैं। नगर आयुक्त ने बताया कि सर्वेयर / साइट इंजीनियर आशीष यादव पुत्र हीरा यादव, शुभम पटेल, अनिल मौर्य, अभिषेक सेठ, अभिनव पांडेय, किशन सिंह, आशीष यादव पुत्र रामसकल, करन सिंह को कार्यदायी संस्था द्वारा बर्खास्त करते हुए उनकी आईडी और पासवर्ड को जब्त कर लिया गया है।
इनपर हुई FIR
उन्होंने बताया कि इसके अलावा एमआईएस स्पेशलिस्ट निशांत को भी हटा दिया गया है। नगर आयुक्त ने बताया कि सर्वेयर किशन सिंह पुत्र अशोक सिंह और आशीष यादव पुत्र हीरा यादव की गंभीर अनियमितता मिलने पर उनके खिलाफ लालपुर-पांडेयपुर थाने में कार्यदायी संस्था द्वारा मुकदमा दर्ज कराया गया है।
जांच में और भी लोग होंगे बेनकाब
नगर आयुक्त प्रणय सिंह ने बताया कि जांच अभी जारी है। जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ेगी तो अन्य लोगों के संलिप्त होने की आशंका से इंकार नही किया जा सकता है। इस संबंध में परियोजना अधिकारी, डूडा निधि वाजपेयी और कार्यदायी संस्था को निर्देशित किया गया है कि कोई भी अपने आईडी कार्ड और ड्रेस कोड के बिना जियो टैगिंग करने नहीं जाएगा।