वाराणसी। काशी विद्वत परिषद् के रिक्त चल रहे अध्यक्ष पद पर गुरुवार को नए अध्यक्ष की घोषणा कर दी गयी। इस पद पर पद्मभूषण पंडित वशिष्ठ त्रिपाठी को जिम्मेदारी दी गयी है। पंडित वशिष्ठ त्रिपाठी संस्कृत के प्रकांड विद्वान् हैं। उक्त जानकारी विद्वत परिषद् के महामंत्री प्रोफ़ेसर रामनारायण द्विवेदी ने दी है। पूर्व अध्यक्ष रामयत्न शुक्ल का 92 वर्ष की अवस्था में 2 सितम्बर को देहांत हो गया था।
उन्होंने बताया कि संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के पूर्व प्रति कुलपति व न्याय शास्त्र के विद्वान प्रो. वशिष्ठ त्रिपाठी को न्याय विद्या के वशिष्ठ, ज्ञान-दान के दधीचि भी कहा जा सकता है। 81 वर्ष की उम्र में अब भी वह बिना मोल नि:स्वार्थ ज्ञान-दान में जुटे हैं। ऐसे में सर्वसम्मति से उन्हें परिषद् का अध्यक्ष चुना गया है।
बता दें कि राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित प्रो. वशिष्ठ त्रिपाठी मूलत : देवरिया जिले के निवासी हैं और उनकी शिक्षा-दीक्षा बनारस में हुई। उन्होंने साल 1961 में संस्कृत विश्वविद्यालय से आचार्य की उपाधि हासिल की। विश्वविद्यालय से उस समय न्याय विद्या से आचार्य करने वाले एकमात्र छात्र प्रो. वशिष्ठ त्रिपाठी ही थे।
न्याय व वैशेषिक विभाग से वर्ष 2001 में रिटायर प्रो. त्रिपाठी 81 वर्ष की आयु में आज भी पढ़ाने से पीछे नहीं हटे हैं और आज भी 6 से 7 घंटे तक छात्रों को पढ़ाते हैं। इसके अलावा विभिन्न विश्वविद्यालय व कालेजों के अध्यापक उनके पास सीखने-समझने के लिए आते रहते हैं।