वाराणसी। रविदास जयंती पर भीम आर्मी चीफ़ चन्द्रशेखर सीर गोवर्धनपुर पहुंचे, यहां उन्होंने संत शिरोमणि का दर्शन किया। इसके बाद उन्होंने मीडिया से बातचीत करते हुए स्वामी प्रसाद द्वारा रामचरित मानस पर दिए बयानों का समर्थन करते हुए कहा कि मुझे इस बात की बहुत पीड़ा है कि ग्रंथ में लेखक ने चौपाई में जाति और महिलाओं को अपमानित करने वाली बात लिखी है। भारतीय संविधान सबको बराबरी का अधिकार देता है। यहां मुख्यमंत्री जी भी आए थे उन लोगों को तो और अच्छी पहल करनी चाहिए कि जो हिंदू ग्रंथों में गलतियां है उसको स्वीकार कर समानता की बात करनी चाहिए।
अपमानजनक शब्दों को ग्रंथों से हटाने की मांग गलत नहीं
उन्होंने आगे कहा कि अगर आप किसी जाति धर्म के आधार पर इतने बड़े अपमानजनक शब्दों का प्रयोग करेंगे और अगर आज हम उसे हटाने की मांग कर रहे हैं तो गलत नहीं है। उन्होंने कहा कि हमारे मुख्यमंत्री कहते हैं कि उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था बहुत अच्छी है, लेकिन यहां आने पर एक महिला मुझे अभी रास्ते में मिली जिन्होंने बताया कि उनसे दुष्कर्म हुआ है। उन्होंने मुझसे देकर न्याय की गुहार लगाई है, उनकी एफआईआर मैंने देखी जिसमें दुष्कर्म के जगह छेड़खानी का मामला दर्ज है। यही कानून व्यवस्था उत्तर प्रदेश में चल रही है।
बीजेपी नेताओं पर लगाया ये आरोप
उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि बीजेपी के नेता यहां कोई भी अपराध करते हैं तो कोई भी कार्रवाई नहीं होती है। वहीं अगर आम आदमी कुछ बोल भी रहा है तो उसे जबरन जेल भेजा जा रहा है। आज आज प्रदेश में जंगलराज चल रहा है।
देश में जाति व्यवस्था को आधार माना जाता है
बीते दिनों अखिलेश यादव द्वारा दिए गए बयान कि सरकार हमें शूद्र मानती है हमें मंदिर में जाने सो रोकती है, इसपर चंद्रशेखर ने कहा कि यहां देश के राष्ट्रपति को भी जाति की वजह से मंदिर में जाने से रोक दिया जाता है। बाबू जगजीवन राम अपने समय के बड़े मंत्री व उच्च कोटि के नेता रहे। उन्हें भी यहीं बनारस में जब संपूर्णानंद जी की मूर्ति का उद्घाटन किया तो उसके बाद उसे गंगाजल और गोमूत्र मूत्र से धोकर हमें यह एहसास कराया जाता है कि जो देश में जाति व्यवस्था बनी है उसमें कर्म को आधार ना मान के जाति व्यवस्था को आधार माना जाता है।